राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के असली कारणों का चलेगा पता, 1 अगस्त से मिलेगा रियल टाइम डेटा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, इससे दिल्ली के प्रदूषण में रियल टाइम कारकों का पता लगेगा, जिससे प्रदूषण के मुख्य सोर्स को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण की समस्या को लेकर आज 23 मार्च को एक समीक्षा बैठक की, केजरीवाल सरकार का दावा है कि दिल्ली में 1 अगस्त से प्रदूषण का रियल टाइम डाटा (वास्तविक डाटा) मिलने लगेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रियल-टाइम सोर्स अपॉर्शनमेन्ट परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक की. इसमें आईआईटी कानपुर की टीम ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का पता लगाने के लिए सुपर साइट की स्थापना जुलाई के अंत तक हो जाएगी.
पंडारा रोड पर बनेगी सुपरसाइट
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, इससे दिल्ली के प्रदूषण में रियल टाइम कारकों का पता लगेगा, जिससे प्रदूषण के मुख्य सोर्स को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, डीडीसी उपाध्यक्ष जेस्मिन शाह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) की टीमों के साथ रियल टाइम स्रोत विभाजन अध्ययन और प्रदूषण पूर्वानुमान परियोजना को लेकर समीक्षा बैठक की.
इस समीक्षा बैठक में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मुकेश ने बताया कि सुपरसाइट की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान की है. पंडारा रोड पर सुपरसाइट स्थापित करने की योजना है. दिल्ली में जुलाई के अंत तक सुपरसाइट की स्थापना कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा. सुपरसाइट 36 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाई जाएगी. जिसकी ऊंचाई 3 मीटर होगी. इसे जमीन से करीब 9 से 14 मीटर ऊपर बनाया जाएगा. इसके साथ ही एक मोबाइल ऐप भी शुरू की जाएगी, इसके जरिए अलग- अलग स्थानों पर प्रदूषण के कारणों का पता लगाया जाएगा.
प्रदूषण के कारकों का लगाया जाएगा पता
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा बैठक में कहा कि, दिल्ली में हर साल 9 अक्टूबर के आसपास प्रदूषण मोडरेट श्रेणी में रहता है. इसके बाद अचानक से प्रदूषण स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है. नासा के फोटो में देखने पर पता चलता है कि बड़ी संख्या में पराली जलाई जा रही होती है. जबकि आंकड़ों में बताया जाता है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली का सिर्फ 5 फीसदी हिस्सा होता है. ऐसे में दिल्ली के प्रदूषण में पराली का वास्तविक योगदान कितना होता है. इसके अलावा प्रदूषण में दूसरे कारकों का कितना योगदान होता है, इसका रियल टाइम पता लगाया जाए. उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली के प्रदूषण में रियल टाइम कारकों का पता लगेगा, जिससे प्रदूषण के उस सोर्स को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
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