दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की उस मांग को ठुकरा दिया जिसमें उससे पंजाब और हरियाणा से आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों के लिए राष्ट्रीय राजधानी के 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल में बदलने को कहा गया था. ये किसान केन्द्र की तरफ से सितंबर में पास कराए गए कृषि संबंधी तीन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से एक बयान जारी किया गया. इस बयान में उन्होंने कहा है कि किसानों की मांग जायज है और उनका प्रदर्शन अहिंसक तरीके से हो रहा है.
इधर, राजधानी दिल्ली आने की जिद पर अड़े प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-हरियाणा के बीच सिंधू बॉर्डर पर जमकर बवाल किया. यहां पर इन किसानों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की. हालांकि, इस बीच आंसू गैस के गोले भी दागे गए. इधर, प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली आने की इजाजत दे दी गई है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी आने दिया जाएगा. उन्हें उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थित निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से व्यवस्था बहाल रखने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की है.
इधर, दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आने की इजाजत देने के फैसले का पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्वागत किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कि वह केन्द्र के फैसला का स्वागत करते हैं, जिसमें किसानों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार के तहत प्रद्रशन की इजाजत दी गई है. अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि उन्हें कृषि कानूनों पर फौरन किसानों से बात शुरू कर देनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए.
इधर, दिल्ली पुलिस की इस अपील के बाद आम आदमी पार्टी के नेता AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा वो राज्य सरकार से अपील करते हैं कि पुलिस की इस अपील को ठुकरा दें. राघव ने कहा कि किसानों को उनकी बात रखने का हक है और उनके साथ किसी मुजरिम की तरह बर्ताव नहीं किया जा सकता है.