नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए आने वाले कुछ दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं. मुख्य सचिव की मारपीट के मामले में सीएम के सलाहकार वीके जैन के बयान बदलने पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि जैन को धमकाकर बयान बदलने पर मजबूर किया गया है.


दरअसल दिल्ली में विवाद का पूरा मुद्दा एक विज्ञापन को लेकर है. आम आदमी पार्टी के तीन साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार एक विज्ञापन जारी करने वाली थी. दिल्ली सरकार के विज्ञापन में दावा किया गया है कि दिल्ली में 80 फीसदी तक भ्रष्टाचार कम हो गया है. लेकिन सरकार के इस दावे को मानने के लिए कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है.


द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली के सूचना और प्रचार विभाग के सचिव जयदेव सारंगी ने कहा, ''कोई भी डिपार्टमेंट भ्रष्टाचार पर सरकार के इस दावे को मानने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि इसका कोई आधार नहीं है.'' सारंगी ने कहा कि सूचना और प्रचार विभाग तब तक विज्ञापन को जारी नहीं कर सकता जब तक दूसरे डिपार्मेंट उसमें दिए गए जानकारी की पुष्टि ना कर दे. सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक सरकारी विज्ञापन के हर एक तथ्य को उससे जुड़े डिपार्टमेंट ने सत्यापित किया हो.


वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि अफसर खुद भ्रष्ट हैं, इसलिए रिपोर्ट को नहीं मान रहे हैं. इसी को लेकर हुए विवाद के बाद अफसरों और सरकार ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मामले में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर विरोधाभाषी होने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि आप दो अलग अलग बातें बोल रही है. अगर दिल्ली के अफसर भ्रष्ट हैं तो दिल्ली में भ्रष्टाचार कैसे कम हो गया. इसका मतलब है कि ये झूठ का पुलिंदा खुद तैयार करते हैं और फिर उस बात को मानने के लिए अधिकारियों को धमकाते है.