नई दिल्लीः जीएसटी के अधिकारियों ने फर्जी कंपनी के नाम पर 1200 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. अधिकारियों ने इस बाबत घोटाले के मास्टरमांइड दयाशंकर कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया है. जांच के दौरान पता चला है कि इस घोटाले के चलते सरकार को भी अब तक 124 करोड़ रुपये के टैक्स का चूना लग चुका था. पश्चिमी दिल्ली सेंट्रल टेक्स के कमिश्नर सुबागता कुमार के मुताबिक अधिकारियों को जीएसटी मे फेक इन्वाइस के नाम पर गोरखधंधे की बात पता चला था.


जांच के दौरान पता चला कि ये गोरखधंधा 49फर्जी शैल कंपनियों के नाम पर चलाया जा रहा था और इसमे लगभग 297 कथित फर्मे शामिल की गई थी. जांच के दौरान तथ्य मिलने पर अधिकारियों ने दयाशंकर कुशवाहा नाम के शख्स को चिन्हित किया.


दयाशंकर के पास दो पैनकार्ड


अधिकारियों को पता चला कि दयाशंकर के पास दो पैनकार्ड थे और उसे फर्जी पैन कार्ड के नाम पर 14 फर्मे बनायी हुई थी. 35 फर्में उसने गरीब लोगो के दस्तावेजो के आधार पर बनाई हुई थी जिनका कंपनियों से कोई लेना देना नहीं था.


आरोप के मुताबिक दयाशंकर ने कुल 297 फर्मे बनाई जिनमें से कुछ मे बैको के जरिए पैसो का लेनदेन भी होता था और बाकी फर्मो का प्रयोग घोटाले के गोरखधंधे मे किया जाता था. दयाशकंर कमीशन के आधार पर कंपनियों को फर्जी इन्वाइस बना कर देता था और इन फर्जी इन्वाइस को कई कंपनियों ने आगे भी यूज किया था.


अबतक लगा चुका है 124 करोड़ रुपये का चूना


इस कारण अब तक कुल घोटाला 1200 करोड़ रुपये और सरकार को 124 करोड़ रुपये का चूना लगने का पता चला है. जांच से जुडे एक अधिकारी के मुताबिक दयाशंकर जिस सामान के आधार पर जीएसटी के दस्तावेज बनाता था वास्तव मे वो सामान कहीं भी होता ही नहीं था.


दयाशंकर की ओर से जीएसटी की वेबसाइट पर सामान भेजने आदि का विवरण लोड कर दिया जाता था. मामला सामने आने के बाद घटना की जांच जारी है. जांच एजेंसी पता लगाने की कोशिश में जुटी हुई है कि इस गोरखधंधे मे और कौन-कौन सी कंपनियां शामिल है.


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