केजरीवाल सरकार घर-घर राशन पहुंचाने की महात्वाकांक्षी योजना के जरिए यह दावा कर रही थी कि इस योजना के शुरू होने से सैंकड़ों लोगों को फायदा मिलेगा. 25 मार्च 2021 को शुरू होने वाली इस योजना को लेकर केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 19 मार्च को आपत्ति जताई थी, जिसके बाद इस योजना पर रोक लगी थी.
शीला दिक्षित ने दिल्ली में किया विकास का काम- शक्ति सिंह
घर-घर राशन योजना को लेकर क्या है विपक्षी पार्टियों की राय यह जानने के लिए एबीपी न्यूज ने कांग्रेस और बीजेपी के प्रतिनिधियों से बात की. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल कहते हैं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, केंद्र में बीजेपी की. इन दोनों में बीच में खींचतान हमेशा होती रहती है. दिल्ली में जब कांग्रेस की सरकार रही, केंद्र में कोई भी सरकार क्यों ना हो उनके बीच में ऐसी नूरा-कुश्ती कभी नहीं होती थी, स्मूथ काम चलता था. शीला दिक्षित जी ने दिल्ली को कितना बहुत विकास किया. कांग्रेस काम करती थी ये दिखावा करते हैं. केजरीवाल सरकार कहती थी कि बहुत अच्छी योजना है तो फिर आप कोर्ट में अपनी बात रखने में असमर्थ क्यों रहे?
प्रवासियों को कैसे राशन देंगे?
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला कहते हैं कि केंद्र सरकार ने अदालत के समक्ष इसे लाया था और यह बताया था कि NFSA (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) का उलंघन किया जा रहा है. NFSA में कोई प्रावधान करने के लिए संसद द्वारा संशोधन करना होता है. दूसरा दिल्ली में आने वाले प्रवासियों के लिए राशन की दुकानों की आवश्कता खत्म हो जाएगी. प्रवासी को खाद्यान कैसे उपलब्ध करेंगे? ये सवाल हमने पूछे थे. आम आदमी खामियाजा ना भुगते इसलिए केजरीवाल सरकार की अनीतियों को रोका गया है. केजरीवाल सरकार कृपा करके बताएं प्रवासियों को कैसे राशन देंगे? दिल्ली में शराब की डोर टू डोर व्यवस्था का भी हमने विरोध किया है. दिल्ली में मैखाना ना बनाएं. राशन की डिलीवरी को लेकर केजरीवाल सरकार को विस्तृत कार्य योजना देनी होगी, ब्लू प्रिंट देना होगा जो उनके पास है ही नही!
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