(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi HC ने दिल्ली सरकार को सतर्क रहने का दिया निर्देश, कहा 'मलेरिया और डेंगू का संकट बर्दाश्त नहीं होगा'
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से मच्छर संबंधी बीमारियों की अनदेखी न करने और इस पर तुरंत काम करने का निर्देश दिया है.
देश की राजधानी पहले से ही कोविड 19 की घातक लहर से जूझ रही है. इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सभी नागरिक निकायों और आप सरकार को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए तैयार रहने की बात कही है. जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने इस मामले पर एक जनहित याचिका की शुरुआत करते हुए कहा कि वो मच्छरों के संक्रमण का स्वत: संज्ञान लेंगे, क्योंकि महामारी के बीच मच्छरों की वजह से हो रही बीमारियों को रोकने में नगर निगम और सरकार असफल साबित हो रही है. उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर स्थिति पर तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया तो मच्छर संबंधी बीमारियों को बढ़ने से रोकना मुश्किल होगा और महामारी के दौरान और समस्याएं हो सकती है. साथ ही कहा कि मानसून की शुरुआत के साथ ही महामारी और फिर अब मच्छरों के आतंक से एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.
28 मई को होगी सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, तीन एमसीडी, दिल्ली छावनी और नई दिल्ली नगर परिषद को पहले से उठाए गए कदमों और गुरुवार तक मच्छरों के संक्रमण पर की जाने वाली अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपने आप एक जनहित याचिका शुरू की है और मामले को सुनवाई के लिए 28 मई को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जो जनहित याचिकाओं से संबंधित है.
मानसून के समय बढ़ते हैं मच्छर
हाईकोर्ट ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान चिकनगुनिया और डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है. वहीं वर्तमान में सभी लोग मच्छरों की समस्या देख रहे हैं, इसलिए इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है. साथ ही कहा कि अगर लोगों को डेंगू या कुछ और हो जाता है और उन्हें कोविड के समय में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, तो ये समस्या कई गुना बढ़ जाएगी.
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