Rana Kapoor Bail: यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ राणा कपूर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी है.  ईडी ने उन्हें 466.51 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने राणा की ओर से दायर जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है.


राणा कपूर के खिलाफ CBI ने मार्च 2020 में धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज किया था. उन पर पद के दुरुपयोग करने और अपने परिवार को लाभ पहुंचाने का आरोप है. ईडी का आरोप है कि राणा कपूर ने अपने परिवार और अन्य पहचान के लोगों से जुड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लोन बांटा था, इससे यश बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. 






बता दें कि 2017 से 2019 की अवधि के दौरान गौतम थापर, अवंथा रियल्टी लिमिटेड बनाम ऑयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ विश्वास के आपराधिक उल्लंघन, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और डायवर्जन के लिए जालसाजी और सार्वजनिक धन की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए एक ECIR दर्ज किया गया था. इस धोखाधड़ी से यस बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.


बेटियों ने DHFL से लिया था लोन


राणा कपूर की तीनों बेटियों पर भी शिकंजा कस गया था. ईडी का कहना था क डीएचएफएल ने राणा कपूर की बेटियों की डू इट अर्बन कंपनी को 600 करोड़ का लोन दिया था. राणा कपूर की तीन बेटियों की द थ्री सिस्टर्स के नाम से कंपनी है. राणा कपूर की बेटियों के खिलाफ भी लुक आउट नोटिस जारी किया गया था.


प्रियंका गांधी पर लगाए थे गंभीर आरोप


राणा कपूर ने केंद्रीय एजेंसी को बताया कि उसे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए  मजबूर किया गया था. साथ ही तस्वीर से प्राप्त राशि का उपयोग गांधी परिवार ने सोनिया गांधी का न्यूयॉर्क में इलाज कराने के लिए किया गया. आरोप पत्र के मुताबिक कपूर ने ईडी को बताया कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि उसने एम एफ हुसैन की पेंटिंग को खरीदने से मना किया तो न केवल इससे गांधी परिवार से उनके संबंध खराब होंगे बल्कि उससे ‘पद्म’ सम्मान हासिल करने में भी दिक्कत आएगी. 


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