Delhi High Court Contempt: दिल्ली हाई कोर्ट ने अदालती आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के मामले में दिल्ली सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव, उसके विशेष आयुक्त (परिवहन) और श्रम सचिव को अवमानना का दोषी माना है. कोर्ट ने कहा कि उन अधिकारियों ने जानबूझकर उसके दो सदस्यीय बेंच के दिसंबर 2017 के आदेश का पालन नहीं किया. अब हाई कोर्ट अवमानना के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सजा पर सुनवाई 14 जुलाई को करेगा.


दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा?


कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन बसों में काम करने वाले कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर दिसंबर 2017 में पारित आदेश की जानबूझकर अवहेलना की है. उस आदेश में सरकार को निर्देश दिया गया था कि क्लस्टर बस चलाने वाली सभी निजी कंपनियों के साथ जो समझौता हुआ उसमें उचित संशोधन करके कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाए.


दिल्ली सरकार ने HC के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती


कोर्ट ने कहा दिल्ली सरकार ने उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और जो वहां से भी खारिज हो गई. इसके बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया तो याचिकाकर्ता कंपनियों ने सरकार को कई प्रतिवेदन (Reports) दिए. फिर भी वेतन वृद्धि को लेकर समझौते में संशोधन करने और उस हिसाब से वेतन बढ़ाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जाने के बाद कंपनियों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी.


अधिकारियों के साथ सख्ती से निपटना जरूरी- जस्टिस रेखा पल्ली


जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि अवमानना कानून जनहित की सेवा और न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा पैदा करने के लिए है, इसलिए वर्तमान मामले में अधिकारियों के साथ सख्ती से निपटना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. अदालत ने आदेश दिया कि 14 जुलाई 2023 को अवमाननाकर्ता, विशेष आयुक्त परिवहन, मुख्य सचिव और दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के श्रम सचिव कोर्ट में उपस्थित हों.


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