परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र को जेल से होटल में शिफ्ट करने का दिया आदेश
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया का एक छात्र तिहाड़ तेल में बंद है.दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन को उसकी परीक्षा की तैयारी करने के लिए न्यायिक हिरासत में एक होटल में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों को न्यायिक हिरासत में चल रहे एक छात्र की पढ़ाई के संबंध में अहम आदेश दिया. कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा को परीक्षा की तैयारी के लिए लाजपत नगर के एक होटल में शिफ्ट किया जाए. आसिफ की परीक्षा शुक्रवार यानी आज से शुरू हैं. वहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि 7 दिसंबर को आसिफ की अंतिम परीक्षा होने के साथ ही उसे जेल में वापस शिफ्ट कर दिया जाए.
छात्र ने अंतरिम जमानत की याचिका दाखिल की थी
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा यह आदेश आसिफ की एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया. आसिफ ने अपनी याचिका में 4 से 7 दिसंबर के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया में अपने बीए (ऑनर्स) के कंपार्टमेंटल एग्जाम की तैयारी करने और परीक्षा देने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी.
ट्रायल कोर्ट ने परीक्षा के लिए कस्टडी पैरोल दी थी
इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने आसिफ को एग्जाम के लिए 4 नवंबर, 5 और 7 दिसंबर के लिए कस्टडी पैरोल दी थी, लेकिन उसके वकील ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए क्योंकि वह हिरासत में रहते हुए ठीक से परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाएगा इसके साथ ही वकील द्वारा दलील दी गई थी कि कस्टडी के दौरान उसे परीक्षा देने के लिए जेल से लाने और ले जाने में भी काफी वक्त बर्बाद होगा और इस कारण वह परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाएगा.
अंतरिम जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने किया विरोध वहीं अंतरिम जमानत की याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था. हालाँकि, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत के सामने सुझाव दिया कि परीक्षा अवधि के दौरान न्यायिक हिरासत में रहते हुए तान्हा को एक गेस्ट हाउस में रहने की अनुमति दी जा सकती है. इस सुझाव को आसिफ के वकील ने स्वीकार कर लिया. बता दें कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने गुरुवार को आदेश में कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित जेल अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि याचिकाकर्ता सुबह 8.30 बजे उपरोक्त तिथियों पर परीक्षा केंद्र पर पहुंच जाए, और परीक्षा खत्म होने के बाद उपरोक्त अतिथि गृह में वापस लाया जाएगा.”
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