(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली हाईकोर्ट ने DMD जैसी बीमारियों के क्लीनिकल ट्रायल के लिए फंडिंग में केंद्र से मदद मांगी
Muscular Dystrophy: ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी का इलाज काफी महंगा होता है.
Duchenne Muscular Dystrophy: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) जैसी दुर्लभ बीमारियों के इलाज में मदद करने वाली दवाओं के क्लिनिकल परीक्षण के लिए तुरंत धन जारी कर सकता है. याचिका में डीएमडी और हंटर सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह को बताया कि जनवरी 2021 में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल और हनुगेन थेरेप्यूटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच दुर्लभ बीमारियों के इलाज के स्वदेशी विकास के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे. समझौता ज्ञापन के अनुसार, हनुगेन द्वारा डीएमडी रोगियों के संबंध में चिकित्सीय मूल्यांकन के लिए एक बहु-केंद्रित अध्ययन किया जाएगा. हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि समझौते के अनुसार अध्ययन का 50 फीसदी केंद्र से धन जारी किया जाएगा और बचा हुआ कंपनी से आएगा.
क्या है Muscular Dystrophy बीमारी
ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी का इलाज काफी महंगा होता है. कुछ नीजी अस्पताल में इस बीमारी का इलाज उपलब्ध है. यह बच्चों में होने वाली बीमारियों में डीएमडी एक गंभीर बीमारी है. इसमे मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं.
बीमारी का इलाज स्टेस सेल थेरपी से संभव
ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी का इलाज स्टेम सेल थेरपी से संभव है और सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर बिमारी से मरीज की मौत भी हो सकती है. इस बीमारी में मरीज चलने में असमर्थ हो जाता है. इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को स्टेम को थेरेपी के जरिए उनके क्षतिग्रस्त टिश्यू को फिर से सही किया जाता है.
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