Radhika Tanwar Murder Case: DU की स्टूडेंट राधिका तंवर की गोली मारकर हत्या करने वाले की उम्रकैद बरकरार, हाई कोर्ट खारिज की याचिका
विजय सैनी के तरफ से दायर अपील को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा- "क्राइम करने के बाद मुंबई भाग जाना अपराधी का आचरण गवाहों की गवाही और घटना के जगह पर अपराधी के मोबाइल स्थान से साबित होता है".
Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्रा राधिका तंवर की गोली मारकर हत्या करने वाले व्यक्ति की उम्रकैद की सजा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा की मार्च 2011 में धौला कुआं फुट ओवर ब्रिज पर सत्य निकेतन के पास हत्या की गई थी. सोमवार को विजय सैनी के तरफ से दायर अपील को खारिज करते हुए, हाई कोर्ट ने कहा, "क्राइम करने के बाद मुंबई भाग जाना अपराधी का आचरण, गवाहों की गवाही और घटना के जगह पर अपराधी के मोबाइल स्थान से साबित होता है".
जज मुक्ता गुप्ता और जज अनीश दयाल की बेंच ने कहा, "कोर्ट ने पाया कि मृतक की हत्या के लिए अपील करने वाले का अपराध उचित संदेह से परे साबित हुआ है और प्रॉसिक्यूशन पार्टी के तरफ से घटना के वक्त मिले सबूतों के तरफ से समर्पित है." बेंच ने 31 अक्टूबर को पारित अपने फैसले में कहा, "नतीजतन, इस अदालत को ट्रायल कोर्ट के मदद से सजा के फैसले और सजा के आदेश में कोई गलती नहीं मिली."
गवाहों की बात मान्य है
जज के बेंच ने कहा, "भले ही मृतक को गोली मारने के समय कोई चश्मदीद गवाह नहीं था, लेकिन नरबहादुर और अजीत सिंह की गवाही इस बात के अनुरूप थी कि दोनों ने गोली चलने की आवाज सुनी थी और दोनों ने लड़की को रैंप पर देखा था. एक ने अपने बगल में एक लड़के को अपनी शर्ट के नीचे छिपा हुआ देखा था, जबकि दूसरे ने एक लड़के को हाथ में पिस्तौल लेकर भागते देखा था.
दोनों ने पुलिस के सामने और फिर अदालत में अपील करने वाले की पहचान की थी और स्वतंत्र और इच्छुक गवाह नहीं होने के कारण, उनके पास अपील करने वाले को गलत तरीके से फंसाने का कोई आधार या कारण नहीं था."
आरोपी पहले से पीछा करता था
जजो के बेंच ने कहा "मृतक की हत्या के लिए अपील करने वाले का मकसद पंकज और रवि की गवाही से भी काफी स्पष्ट है, जिन्होंने कहा था कि अपील करने वाला 2-3 साल पहले अपने गांव में मौजूद था जहां राधिका तंवर रहती थी. राधिका ने इशारा भी किया था कि आरोपी उसका पीछा कर रहा था और उसे चिढ़ा रहा था. दोनों ने अपनी गवाही में कहा है कि वे तब आरोपी को राधिका के घर ले गए थे जहां पिता ने भी उसे पीटा था और राधिका के पिता की गवाही से भी इसकी पुष्टि हुई थी.
पीठ ने कहा, "अपील करने वाले आरोपी की राधिका के घर के पास और घटना के जगह पर उपस्थिति सीडीआर रिकॉर्ड मिली थी. मोबाइल के सीडीआर के विश्लेषण से पता चलता है कि 22 दिसंबर, 2010 और 2 मार्च, 2011 के बीच आरोपी के फोन कॉल के से पता चलता है कि कई मौकों पर राधिका के घर के पास का था.
गोली मारकर फरार होने की कोशिश
जजों के बेंच ने कहा, " आरोपी के बाद का आचरण इस तथ्य की पुष्टि देता है कि उसने 8 मार्च, 2011 को राधिका को गोली मारकर फरार होने की कोशिश की थी." बेंच ने कहा, "हत्या की घटना के तुरंत बाद फरार होने की उक्त पारिस्थितिक साक्ष्य एक्ट की धारा 8 के तहत" संबंधित आचरण "के रूप में स्वीकार्य होगी."
अपील करने वाले विजय सैनी ने 31 अक्टूबर 2017 को ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया था. उन्हें 7 नवंबर 2017 को जुर्माने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
ट्रायल कोर्ट ने दो अन्य सह-आरोपी तबरेज अहमद उर्फ समीर और अशरफ अली उर्फ फुद्दी को भी आईपीसी की धारा 212/34 के तहत दंडनीय अपराध और शेख शेखू को धारा 25 (1 बी) (A) आर्म्स एक्ट के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था और सजा सुनाई गई थी.
पीसीआर को मिली थी सूचना
पीसीआर को 8 मार्च 2011 को सुबह करीब 10:20 बजे अजीत सिंह को सूचना मिली थी कि धौला कुआं फुट ओवर ब्रिज सत्य निकेतन पर एक लड़की को गोली मारी गई है. पुलिस मौके पर पहुंची और पाया कि एक अज्ञात लड़की को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वह बच नहीं सकी. हॉस्पिटल में मृतक के पिता राजेंद्र सिंह भी पहुंचे और मृतक की पहचान अपनी बेटी राधिका तंवर के रूप में की, बाद में उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
जांच के दौरान, यह पाया गया कि हमलावर ने मृतक की पीठ पर एक गोली चलाई थी जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई थी और विजय सैनी घटना से कुछ साल पहले से राधिका का पीछा करता था.
बाद में यह पाया गया कि विजय सैनी अपने कुछ साथियों के साथ मुंबई भाग गया था.विजय सैनी और सह-अभियुक्तों को संबंधित स्थानों से गिरफ्तार किया गया और दिल्ली लाया गया और बाद में चौथे सह-अभियुक्त शेख शेखू को उनके घर से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से इस्तेमाल की गई पिस्तौल बरामद किया.
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