दिल्ली में कोरोना की ताज़ा स्तिथि और बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में स्तिथि नियंत्रण में है और फिलहाल किसी तरह के पैनिक की ज़रूरत नहीं है. हालांकि कोरोना की मौजूदा स्तिथि पर टिप्पणी करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोरोना का पैंडेमिक फेज़ खत्म हो रहा है, लेकिन हम एंडेमिक फेज में जा रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पैंडेमिक फेज़ का मतलब होता है बीमारी का बहुत तेज़ी से बढ़ना जिसे महामारी कहते हैं. लेकिन एंडेमिक फेज़ का मतलब है बीमारी का बने रहना, जैसे स्वाइन फ्लू आया था जिस समय शुरू हुआ था तेज़ी से आया था लेकिन उसके बाद हर साल कुछ केस आते हैं. अभी ऐसा लगता नहीं है कि कोरोना एकदम से खत्म होने वाला है, कुछ केस आते रहेंगे और मुझे लगता है इसके साथ जीना हमें सीखना होगा. मास्क लगाना एक अहम सीख है जो पिछले एक साल में हमने सीखा है. इसलिये मास्क ज़रूर लगाएं तभी इससे बचा जा सकता है.
दिल्ली में पिछले दो महीने से पॉजिटिविटी रेट 1% से नीचे- सत्येंद्र जैन
दिल्ली में कोरोना के ताज़ा आंकड़ों और दो दिन से 300 से ज़्यादा नये मामलों पर बात करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों में बहुत ज़्यादा परिवर्तन नहीं है. नवम्बर में एक समय पर 15-16% पॉजिटिविटी थी और पिछले 2 महीने से लगातार पॉजिटिविटी रेट 1% से भी कम है. रविवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में सामने आया है कि हमने 90 हज़ार से ज़्यादा टेस्ट किये हैं और उसके बावजूद पॉजिटिविटी 0.3% आ रही है. इतने उतार-चढ़ाव से इतना ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता है. WHO का कहना था कि पॉजिटिविटी 5% से नीचे रहना चाहिये उस हिसाब से दिल्ली में पिछले 2 महीने से लगातार 1% से नीचे है.
'शनिवार को 33 हजार लोगों का हुआ वैक्सीनेशन'
दिल्ली में सरकार क्या कोरोना को लेकर सतर्क है और क्या तैयारी कर रही है. इस पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तैयारी हमारी बिल्कुल है. हॉस्पिटल में अभी 10% से कम बेड हैं जिन पर मरीज़ भर्ती हैं और 90% बेड खाली हैं. हॉस्पिटल के साथ डिस्पेंसरी में टेस्ट हो रहे हैं. दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर से करीब 6-7 गुना ज़्यादा टेस्ट कर रहे हैं. कांटेक्ट ट्रेसिंग भी कर रहे हैं. वैक्सीनेशन भी तेजी से हो रहा है. शनिवार को दिल्ली में 33 हज़ार लोगों ने वैक्सीनेशन कराया जो कि अब तक के वैक्सीनेशन की सबसे ज़्यादा संख्या है. एक समय पर दिल्ली में कोरोना के साढ़े 8 हज़ार केस एक दिन में थे. आज 200-300 केस हैं. 6 हज़ार बेड हमारे पास अभी भी हैं, ICU बेड भी 10% के करीब रिज़र्व हैं. अस्पतालों में फिलहाल करीब 600 मरीज़ भर्ती हैं.
अन्य राज्यों में बढ़ते मामलों को देखते हुए क्या दिल्ली में सख्ती बढाने के कोई निर्देश दिये जाने पर विचार किया जा रहा है. इस पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि सख्ती करने का असर एक चीज़ पर पड़ा है, मास्क लगाना. दिल्ली में हमने ₹2,000 का चालान कर दिया है. काफी सख्ती से उसका पालन किया जा रहा है और उसका अनुपालन बहुत अच्छे ढंग से हो रहा है. दिल्ली में 2 महीने पहले लोग ज़्यादा ढिलाई बरत रहे थे लेकिन अब सख्ती का असर देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही 400 से ज़्यादा वैक्सीनेशन सेंटर हमने बना दिये हैं और इनकी संख्या और ज़्यादा बढ़ा रहे हैं. इस समय दिल्ली में वैक्सीनेशन बहुत तेज़ी से चल रहा है, पूरे देश मे शायद पिछले कुछ दिनों से हम नम्बर 1 पर चल रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की मीटिंग में दिल्ली के 9 ज़िलों पर चिंता जताने के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि उस मीटिंग पर मुझे टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है. हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है, सतर्कता छोड़कर हम चिंतित रहें तो उससे काम नहीं चलेगा. महाराष्ट्र या केरल में क्या हो रहा है उसकी वजह से अभी दिल्ली में पैनिक फैलाने की ज़रूरत बिल्कुल नहीं है. मुझे लगता है कि दिल्ली में स्तिथि नियंत्रण में है.
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