(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का दावा - कोरोना संक्रमण के नए मामलों में आई गिरावट
जैन ने बताया, ''दिल्ली में सात नवंबर को संक्रमण दर 15.26 फीसदी थी. अभी यह 11 प्रतिशत से कम है. 10 नवंबर को सबसे अधिक मामले (8,593) सामने आये थे.''
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों एवं संक्रमित होने की दर में धीरे धीरे गिरावट से इस बात का स्पष्ट संकेत मिलता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायरस का प्रसार कम हो रहा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी दी. मंत्री ने घोषणा की कि कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों के लिये दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में सामान्य एवं गैर आईसीयू बेड आरक्षित किये हैं और उनपर सरकार के शुल्क ही लागू होंगे.
जैन ने बताया, 'दिल्ली में सात नवंबर को संक्रमण दर 15.26 फीसदी थी. अभी यह 11 प्रतिशत से कम है. 10 नवंबर को सबसे अधिक मामले (8,593) सामने आये थे.' उन्होंने संवाददाताओं को बताया, 'संक्रमण दर में कमी आयी है और संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गयी है. इससे इस बात का स्पष्ट संकेत मिलता है कि दिल्ली में वायरस के संक्रमण का प्रसार कम हो रहा है.' जैन ने केहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से औसत मृत्यु दर 1.48 प्रतिशत है और दिल्ली में यह 1.57 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि जून में यह आंकड़ा 3.50 फीसदी के करीब था.
उन्होंने कहा कि कार के भीतर मास्क पहनने से किसी प्रकार की हानि नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह मास्क के बगैर एक कदम भी घर के बाहर नहीं रखें. जैन ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिये 2644 सामान्य एवं 260 'अतिरिक्त' आईसीयू बिस्तर उपलब्ध होंगे. सरकार ने इस दिशा में बृहस्पतिवार को निर्देश जारी किये हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 7,456 मामले सामने आये थे और संक्रमण दर 12.09 प्रतिशत थी. आप सरकार ने बृहस्पतिवार को कुछ अन्य घोषणा की जिसमें मास्क के बगैर बाहर निकलने पर दो हजार रुपये का जुर्माना, निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बिस्तरों का आरक्षण, प्रत्येक जिलों में जांच केंद्र की संख्या दुगुनी करना और स्वास्थ्य केंद्रों में गैर गंभीर मामलों में सर्जरी को स्थगित करना शामिल है.
निजी अस्पतालों को भी गैर आईसीयू बिस्तरों का प्रतिशत 50 फीसदी से बढ़ा कर 60 फीसद करने का निर्देश दिया गया है. सरकार ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आरटी—पीसीआर जांच की संख्या बढ़ा कर 27 हजार प्रतिदिन तक की जायेगी और एमबीबीएस छात्रों एवं इंटर्नों को कोविड—19 स्थिति से निपटने के लिये लगाया जायेगा.