JNU हिंसा: फूटेज और बाकी सबूत सुरक्षित रखने का मामला, हाई कोर्ट ने 91 लोगों को जारी किया नोटिस
दायर याचिका में जेएनयू परिसर में 5 जनवरी को हुए हमले के मामले में डाटा, सीसीटीवी फुटेज और अन्य संबंधित सबूतों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी. आज हाई कोर्ट ने 91 लोगों को नोटिस जारी किया है.
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हमले के मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जेएनयू के तीन प्रोफेसर्स की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 91 लोगों को नोटिस जारी किया है. वहीं, हाई कोर्ट ने व्हाट्सएप को भी निर्देश दिया है कि उसके पास दो ग्रुप्स के बारे में जो भी जानकारी है, वह पुलिस को दे. हाई कोर्ट ने सभी सबूत सुरक्षित रखने को कहा है.
आरोपियों के मोबाइल जब्त करे पुलिस- हाई कोर्ट
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने जेएनयू और स्टेस बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की जेएनयू ब्रांच को सीसीटीवी सुरक्षित रखने और उन्हें दिल्ली पुलिस को देने के लिए नोटिस दिए हैं. इस दौरान गूगल कि ओर से कहा गया कि इस मामले में पुलिस को जो भी मदद चाहिए होगी, वह की जाएगी. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आरोपियों को समन करें और व्हाट्सएप ग्रुप ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ और ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ से संबंधित लोगों के मोबाइल फोन जब्त करें.
कल फेसबुक, गूगल और व्हाट्सएप को जारी हुए थे नोटिस
कल इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक, गूगल और व्हाट्सएप को नोटिस जारी कर आज तक जवाब देने को कहा था. जेएनयू परिसर में 3, 4 और 5 जनवरी को हुई हिंसा के कई वीडियोज़ सामने आते रहे हैं और पुलिस उन वीडियोज़ के आधार पर अब तक कई आरोपियों की पहचान करने का दावा भी कर रही है.
याचिका में क्या मांग की गई थी?
दायर याचिका में जेएनयू परिसर में 5 जनवरी को हुए हमले के मामले में डाटा, सीसीटीवी फुटेज और अन्य संबंधित सबूतों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी. इतना ही नहीं याचिका में व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट और फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस से संबंधित लिंक के साथ ही केस से जुड़े हुए अन्य सबूतों को भी संरक्षित रखने की मांग की गई थी.
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