नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में स्थित सभी कब्रिस्तानों को एक उचित जगह पर ट्रांसफर करने की संभावना तलाशने को कहा. कोर्ट ने साथ ही अधिकारियों से पूछा कि दूसरे देशों में कब्रिस्तानों का रखरखाव कैसे किया जाता है.


कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कहा, ‘‘सड़कों के किनारे कब्र हैं जहां लोग बैठते हैं, जानवर बैठते हैं और मल त्याग करते हैं, गंदगी फैलाते हैं. इन कब्रों को एक सही जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. क्या इन कब्रों को एक उचित जगह पर स्थानांतरित करना संभव है.’’


बेंच ने साथ ही कहा, ‘‘हमारे लिए कब्रिस्तान उतने ही जरूरी हैं जितने पार्क, घर और स्कूल.’’ कोर्ट ने साउथ दिल्ली के सुंदर नगर इलाके के पास स्थित अमीर खुसरो पार्क के भीतर एक रैन बसेरा हटाने के खिलाफ एक एनजीओ की दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सब कहा. हालांकि रैनबसेरा गिरा दिया गया क्योंकि कोर्ट ने इसपर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई थी.


कोर्ट ने पार्क की जमीन के मालिक वक्फ बोर्ड से कहा कि यह एक महत्वपूर्ण इलाका है जिसका संरक्षण करने की जरूरत है. बेंच ने साथ ही कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नगर निगम पार्क को फिर से बनाने के लिए बोर्ड की मदद करने के लिए तैयार हैं.


बेंच ने कहा कि वक्फ की 900 से अधिक संपत्तियों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. कोर्ट ने डीडीए से स्थिति रिपोर्ट दायर करने और अगली सुनवाई 29 मई को तय करते हुए कहा, ‘‘कितने लोग आपकी संपत्ति छीन रहे हैं? बोर्ड की बहुत सारी संपत्तियां पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है.’’