दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन सुप्रीम कोर्ट जज बनेंगे. राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. जस्टिस मनमोहन 2008 से दिल्ली हाई कोर्ट के जज हैं. इस समय वह देश भर के हाई कोर्ट जजों की वरिष्ठता सूची में दूसरे नंबर पर हैं. दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहते उन्होंने नागरिकों के अधिकारों को लेकर कई अहम आदेश दिए.
29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी थी. इस समय सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 जजों में से 2 पद खाली हैं. यह पद जस्टिस हिमा कोहली और चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट से खाली हुए थे. जस्टिस मनमोहन की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 33 हो जाएगी.
16 साल की वकालत की प्रैक्टिस
61 साल के जस्टिस मनमोहन जम्मू -कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री जगमोहन के बेटे हैं. जस्टिस मनमोहन का जन्म 17 दिसंबर 1962 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की. 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की. 16 साल वकालत की प्रैक्टिस के बाद 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया. वकील के तौर पर उन्होंने दाभोल पावर, हैदराबाद निज़ाम के खज़ाना केस समेत कई अहम केस लड़े.
सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में सीनियर पैनल वकील बने
2008 में जस्टिस मनमोहन दिल्ली हाई कोर्ट के जज बने. 2009 में वह स्थायी जज बने. नवंबर 2023 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त हुए. इस साल सितंबर में वह दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में ही भारत सरकार के लिए सीनियर पैनल वकील के रूप में कार्य किया हुआ है. 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनको सीनियर वकील के रूप में नामित किया था.
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