Supreme Court News: दिल्ली हाई कोर्ट और जिला अदालतों के जजों पर गलत आरोप लगाने के मामले में 6 महीने की जेल काट रहे वकील की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (12 जनवरी) को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकील उन सभी जजों से एक-एक कर बिना शर्त माफी मांगे जिन पर उसने आरोप लगाए थे.


चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि उसने आरोपी को अवमाननापूर्ण आरोपों के लिए माफी मांगने का मौका दिया था, लेकिन वकील ने नकारात्मक जवाब दिया और कहा कि उसने जो भी आरोप लगाए हैं, उन पर कायम है. इस पर वकील का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार है.


16 जनवरी को होगी अगली सुनवाई


इसके बाद पीठ ने कहा, "हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता, यदि इच्छुक है तो उसे हाई कोर्ट और जिला कोर्ट के उन सभी न्यायाधीशों के सामने हलफनामे पर बिना शर्त माफी मांगनी होगी, जिनके खिलाफ उसने आरोप लगाए थे."


पीठ ने आगे कहा, "पुलिस अधिकारी याचिकाकर्ता को हर उस न्यायाधीश के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश करने की व्यवस्था करेंगे, जिनके समक्ष माफी दायर की जानी है." इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख तय की गई है.


9 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाई थी सजा


दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी को एक वकील को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा छह महीने जेल की सजा सुनाई थी. अदालत ने तब अपने आदेश में कहा था वकील को हिरासत में लिया जाए और तिहाड़ जेल के अधीक्षक को सौंप दिया जाए. वकील ने कई न्यायाधीशों पर मनमाने ढंग से या पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्य करने का आरोप लगाया था. वकील ने अपनी याचिका में जजों का नाम भी लिया था.


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