नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्नी को 'तीन तलाक' देने के आरोपी एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत दे दी है और उसे अपनी दो बेटियों के पालन-पोषण के लिए छह सप्ताह के भीतर चार लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने अपने आदेश में अग्रिम जमानत को व्यक्ति की जांच में शामिल जुड़ा विषय बताया और आरोपी को निर्देश दिया कि अगर वह अपना मोबाइल नंबर या निवास स्थान बदलता है तो इसकी सूचना संबंधित अदालत को दे.
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा, ''याचिकाकर्ता द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुसार चार लाख रुपए की राशि छह सप्ताह के भीतर इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा कराई जाएगी जो यह सुनिश्चित करेंगे कि इन्हें दो दो लाख रुपए की दो सावधि के साथ जमा कराया जाए.''
अदालत ने तीन अगस्त को दिए अपने आदेश में कहा, ''याचिका का इस निर्देश के साथ निपटारा किया जाता है कि गिरफ्तारी की स्थिति में याचिकाकर्ता को 25 हजार रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि का जमानत बॉन्ड भरने पर रिहा कर दिया जाए जो गिरफ्तर करनेवाले अधिकारी/संबंधित थाना प्रभारी की संतुष्टि का विषय है.''
व्यक्ति ने अपनी दलील में दावा किया कि आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं क्योंकि महिला अब भी कानूनी रूप से उसकी उसकी पत्नी है जो हंगामा करने की आदी है. मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून 2019 की धारा चार के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
महिला ने यह आरोप लगाया था कि उससे धन लाने की मांग किए जाने के साथ ही मारपीट भी की गई. उसने यह भी आरोप लगाया था कि बेटियों का जन्म होने की वजह से भी उसे प्रताड़ित किया गया.