नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को राष्ट्रीय राजधानी में अपने परिवार से मिलने के लिये तीन दिन की हिरासती पैरोल दे दी .
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व नेता शहाबुद्दीन को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2018 में बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल लाया गया था. न्यायमूर्ति ए जे भंभानी ने कहा कि बिहार और दिल्ली की पुलिस ने संयुक्त रूप से कहा है कि वे शहाबुद्दीन की अभिरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते और उनका कहना है कि उसकी अभिरक्षा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये बहुत अधिक संसाधनों की जरूरत पड़ेगी.
उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश पारित किया, जिसके अनुसार शहाबुद्दीन 30 दिन के अंदर अपनी पसंद के किसी भी तीन दिन में छह घंटे की 'हिरासती पैरोल' ले सकता है. वह चाहे तो लगातार तीन दिनों तक छह-छह घंटे या फिर 30 दिनों के अंदर किसी भी तीन दिन में इतने घंटे की पेरोल ले सकता है.
अदालत ने कहा कि पैरोल की अवधि के दौरान उसे सिर्फ अपनी मां,पत्नी और अन्य रक्त संबंधियों से मिलने की ही इजाजत होगी. हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन के पिता का 19 सितंबर को देहांत हो गया था. उसने पिता की कब्र पर जाने, बीमार मां तथा परिवार के सदस्यों से मिलने के लिये हिरासती पैरोल मांगी थी.
शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. 15 फरवरी 2018 उच्चतम न्यायालय ने उसे बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था.