नई दिल्लीः उत्तरपूर्वी दिल्ली मे हुए दंगो को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने चार विशेष अदालतों का गठन किया है. ये चारों विशेष अदालत कड़कड़डूमा कोर्ट मे होंगी. इन विशेष अदालतो के गठन का मकसद दिल्ली दंगो के मामलो की त्वरित सुनवाई करना है.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इस मामले मे आज तक 26 आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और इन आरोपो की संख्या सैकडों तक जाने की उम्मीद है.
दिल्ली में इस साल फरवरी महीने में दंगे हुए थे. इन दंगो की जांच कर रही दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये दंगे एक आपराधिक साजिश के तहत कराए गए थे और इसका मकसद विदेशों में देश की छवि खराब करना था.
दंगे की जांच के दौरान पुलिस का दावा है कि ऐसे सबूत भी मिले हैं जिनसे पता चलता है कि दंगों की साजिश जनवरी महीने मे रची गई और जनवरी मे ही दंगो मे इस्तेमाल की जाने वाली गोलियां भी खरीदी गईं. अब तक की जांच के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा इन दंगों के मामले में 26 आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है जबकि स्थानीय पुलिस ने भी इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किए हैं. इन आरोप-पत्रों मे 450 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी दिखाई गई है.
कोर्ट मे दायर आरोप-पत्रों पर त्वरित सुनवाई हो सके इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट मे चार विशेष अदालतें बनाई हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इनमें दो एडिशनल सेशन जज और दो मैट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट शामिल हैं. आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त सेशन जज 3 उत्तरपूर्वी और अतिरिक्त सेशन जज 3 शाहदरा के पद पर तैनात जज इन मामलों के सेशन ट्रायल करेंगे और इन अदालतों से टाडा, पोटा और मकोका के साथ केवल ऐसे मामले जो सुनवाई में अंतिम दौर में हैं उन्हें छोड़ कर बाकी मामलों को अन्य अदालतों में स्थानांतरित करने को कहा गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इन जगहों पर नए जजों की तैनाती भी कर दी गई है. इनमें अतिरिक्त सेशन जज 3 उत्तरपूर्वी दिल्ली के पद पर विनोद यादव को भेजा गया है जो अब तक रोहिणी कोर्ट मे उत्तरी जिले अतिरिक्त सेशन जज के पद पर तैनात थे.
इसी तरह अतिरिक्त सेशन जज 3 शाहदरा के पद पर अमिताभ रावत को लाया गया है जो अब तक साकेत कोर्ट में दक्षिण पश्चिम जिले के अतिरिक्त सेशन जज के पद पर तैनात थे. इसी तरह पुरूषोत्तम पाठक को उत्तरपूर्वी जिले के मुख्य मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के पद पर लाया गया है जो अब तक इसी पद पर पटियाला हाऊस कोर्ट मे तैनात थे. इसी प्रकार फहादउद्दीन को शाहदरा में मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट 4 के पद पर लाया गया है जो अभी तक तीसहजारी कोर्ट में मध्य जिले का काम देख रहे थे. इन दोनों के पास से भी रूटीन थानों का प्रभार दंगा केस को छोड़ कर हटाने को कहा गया है जिससे दंगों के मामले की त्वरित सुनवाई हो सके.
ध्यान रहे कि इसके पहले दंगों के मामले मे दिल्ली पुलिस ने विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर तैनात करने को कहा था जिसे लेकर दिल्ली सरकार औऱ उपराज्यपाल के बीच तनातनी की खबरें भी सामने आई थीं लेकिन बाद मे इस को मंजूरी दे दी गई थी. फिलहाल इन विशेष अदालतों के गठन के बाद दंगा मामलों मे पीडितों को जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है.
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