नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में चल रही हिंसा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आधी रात को सुनवाई की है. सुनवाई घायलों की स्थिति पर केंद्रित रही. हाई कोर्ट ने हिंसा ग्रस्त इलाकों में एंबुलेंस की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कहा है. साथ ही, मुस्तफाबाद इलाके के अल हिंद अस्पताल में पहुंचे घायलों को बड़े सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने का निर्देश दिया है.


राहुल रॉय नाम के शख्स की याचिका पर सुनवाई करने के लिए रात 12:30 बजे हाई कोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर अपने घर पर जस्टिस अनूप भंबानी के साथ बैठे. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस आलोक कुमार और डीसीपी क्राइम राजेश देव भी मौजूद रहे.


याचिकाकर्ता के तरफ से वकील सुरूर मंदर ने जजों को यह जानकारी दी कि बड़ी संख्या में अल हिन्द हॉस्पिटल में घायल इलाज के लिए पहुंचे हैं. इस अस्पताल के सबसे नजदीकी होने की वजह से घायल यहां पर पहुंचे हैं. लेकिन अस्पताल बहुत छोटा है. वहां पर उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसके बाद वकील ने अल हिंद हॉस्पिटल के इंचार्ज डॉ अनवर की फोन पर जजों से बात करवाई. स्पीकर फोन पर डॉ अनवर ने घायलों की स्थिति का ब्यौरा कोर्ट को दिया.


इस जानकारी के बाद जजों ने तुरंत घायलों को अस्पताल से निकालने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान ही डीसीपी क्राइम ने फोन पर डीसीपी पूर्वी से बातचीत की. कोर्ट को बताया कि पुलिस बल अल हिंद अस्पताल पहुंच चुका है. घायलों को वहां से निकालने का काम शुरू हो गया है. कोर्ट को बताया गया कि घायलों को जीटीबी अस्पताल, पंत हॉस्पिटल या मौलाना आज़ाद में भेजा जाएगा.


जजों ने इस पर संतोष जताते हुए यह भी कहा कि हिंसा ग्रस्त इलाके में एंबुलेंस की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जाए. कोर्ट ने घायलों की स्थिति और उनके इलाज पर पुलिस से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है आज दोपहर 2.15 बजे फिर से मामले की सुनवाई होगी.