नई दिल्ली: दिल्ली में लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ नहीं मिलने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार की प्लानिंग पर सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार को वैक्सीन की इस किल्लत के बारे में जानकारी थी तो दूसरी डोज़ पाने वालों के हितों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया?
दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ को लेकर आ रही दिक्कत के मसले पर दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमको इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन कुछ हद तक जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की जरूर बनती है. दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 12 मई तक दिल्ली सरकार को वैक्सीन की कमी की जानकारी मिल गई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने इसको लेकर कोई योजना तैयार नहीं की. पता नहीं या तो वह हद से ज्यादा आशावादी हैं या अति आत्मविश्वासी थे. लगता है कि दिल्ली सरकार का अति आत्मविश्वास ही था.
इस बीच याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जब तक हालात बेहतर नहीं होते तब तक दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि दूसरी डोज़ के हकदार लोगों को ही वैक्सीन दी जाए. जवाब में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमने 27 मई को केंद्र सरकार को वैक्सीन की किल्लत को लेकर जानकारी दे दी थी. इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा आपका क्या कहना है क्योंकि हम लोगों को इस असमंजस की स्थिति में नहीं रहने दे सकते. जवाब में केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को वैक्सीन उपलब्धता के हिसाब से मुहैया करा दी थी. अब यह राज्यों को तय करना था कि वह कैसे लोगों को पहली और दूसरी डोज़ देते हैं.
केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से पहले से ही कहा जा चुका है कि फिलहाल प्राथमिकता दूसरी डोज़ वाले लोगों को देनी चाहिए. इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि आप कुछ भी दिखाइए, जिसमें आप ने केंद्र सरकार को वैक्सीन की किल्लत के बारे में जानकारी दी थी और कितनी और अतिरिक्त वैक्सीन की मांग की थी. फिलहाल अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 जून सोमवार को होगी.
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