कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से बड़ी नकद राशि बरामद होने की घटना पर नाराजगी जताई है. शुक्रवार (21 मार्च, 2025) को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इस संगीन मामले को सिर्फ तबादले से रफा- दफा नहीं किया जा सकता.


पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. पोस्ट में पवन खेड़ा ने लिखा, 'जज साहब के घर से इतनी भारी नकदी की बरामदगी का मामला बेहद संगीन है, तबादले मात्र से इसे रफा दफा नहीं किया जा सकता. जस्टिस वर्मा उन्नाव बलात्कार मामले सहित अन्य कई गंभीर मामलों की सुनवाई कर रहे थे. ज्यूडिशियरी में देश का विश्वास बनाए रखने के लिए ये पता लगाया जाना जरूरी है कि ये पैसा किसका है और जज साहब को क्यों दिया गया.'


पवन खेड़ा ने कहा, 'न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाते हुए एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कानून अंधा नहीं है, ये सबको बराबरी की नजर से देखता है. इस मामले में यह बात साबित भी होनी चाहिए. वैसे, ईडी-सीबीआई से बेहतर काम तो फायर ब्रिगेड कर रही है.'


दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से कथित रूप से बड़ी नकद राशि बरामद होने की घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऐसा बताया जा रहा है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने कॉलेजियम को जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में लगी भीषण आग के बाद वहां से बड़ी मात्रा में नकद राशि बरामद होने की जानकारी दी, जिसके बाद कॉलेजियम ने कार्रवाई की.


इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में आग लग गई और फायरब्रिगेड उनके घर पहुंचा. जस्टिस वर्मा घर पर नहीं थे और उनके परिवारवालों ने आग बुझाने के लिए फायरब्रिगेड को बुलाया. इस दौरान दमकल कर्मियों की नजर बंगले के अंदर नोटों के ढेर पर पड़ी, जिसके बाद खबर बड़े अधिकारियों तक पहुंची और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया.


 


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