नई दिल्लीः देश भर में ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि इस पर तुरंत रोक लगाई जाए. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मोहन और जस्टिस वीके राव की बेंच ने एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया. कोर्ट में दाखिल पीआईएल में कहा गया है कि इंटरनेट के माध्यम से लाखों ऐसी दवाइयां बेची जा रही है जो बिना किसी डॉक्टरी सलाह के नहीं मिल सकती हैं.


पीआईएल में याचिकाकर्ता डॉक्टर जाहीर अहमद के वकील नकुल मेहता ने कहा है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और फार्मेसी एक्ट 1948 के तहत दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री की अनुमति नहीं है. ऐसे में कोई भी कंपनी कैसे ऑनलाइन दवा बेच सकता है.


याचिकाकर्ता ने कहा कि 2015 में भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने सभी राज्यों के दवा नियंत्रकों को निर्देश जारी किया था कि देश के लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगा दी जाए. क्योंकि ऑनलाइन दवा लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के खरीद लेते हैं.


पीआईएल में आरोप लगाया गया है कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा में असफल रही है. पीआईएल में कहा गया है कि ऑनलाइन दवा बिक्री के कारण लोगों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. कई ऐसी दवाएं हैं जो बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं खरीद सकते हैं लेकिन लोग ऑनलाइन खरीद कर धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.


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