महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली करने के खिलाफ याचिका दिल्ली हाई कोर्ट से ली वापस, जानें कारण
Mahua Moitra Bungalow: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस 16 जनवरी को जारी किया गया था.
Cash For Query Row: दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा को संपदा निदेशालय के जारी बेदखली नोटिस को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी, जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया था.
मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था. उनके वकील ने कहा कि याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि वह पहले ही बंगला खाली कर चुकी हैं. जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पहले ही कहा है कि उसने संबंधित आवास खाली कर दिया है. याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है. ’’
होई कोर्ट से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद टीएमसी नेता ने 19 जनवरी को सरकारी बंगला खाली कर दिया.
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा था?
हाई कोर्ट ने 18 जनवरी को मोइत्रा की एक अर्जी को खारिज कर दिया था. इस अर्जी में मोइत्रा ने चिकित्सा आधार पर अधिकारियों को उन्हें सरकारी बंगले से बेदखल करने से रोकने का अनुरोध किया था. मोइत्रा ने कहा था कि वह अकेली रहती हैं और यहां एक अस्पताल में इलाज कराती हैं. वह बंगले का जो भी किराया हो, उसका भुगतान करने को तैयार हैं.
हालांकि हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के लोकसभा से निष्कासन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. ऐसे में सरकारी आवास खाली करने के लिए समय बढ़ाने का मुद्दा उससे जुड़ा हुआ है और आज की तारीख में उन्हें कोई अधिकार नहीं है.
महुआ मोइत्रा को कब नोटिस जारी किया गया था?
महुआ मोइत्रा को तुरंत बंगला खाली करने का नोटिस 16 जनवरी को जारी किया गया था. पिछले साल आठ दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित की गईं मोइत्रा को बंगला आवंटन रद्द होने के बाद सात जनवरी तक आवास खाली करने के लिए कहा गया था.
मोइत्रा को अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया गया था और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उनके कारोबारी प्रतिद्वंद्वी गौतम अडाणी पर निशाना साधने के लिए सवाल पूछने के बदले में गिफ्ट लेने के आरोप में सदन से निष्कासित कर दिया गया.
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