नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि साउथ एक्सटेंशन पार्ट टू के पास कुशक नाला की सफाई के संबंध में बार-बार झूठे बयान देने के लिए उन्हें जेल भेजा जा सकता है.


न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार चावला की पीठ ने कहा कि 2012 से पांच साल से अदालत नाले से गंदगी साफ करने को लेकर पीडब्ल्यूडी के साथ जूझ रही है. यह सुनिश्चित हो कि मानसून के दौरान बारिश का पानी बह सके और पास की कालोनियों में जलभराव नहीं हो.

अदालत इस क्षेत्र में जलभराव के मुद्दे पर 2012 से जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी और इसमें उसने समय समय पर कुशक नाला से गाद हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी को आदेश पारित किये हैं.