नई दिल्ली: जेडीयू से निष्कासित और राज्यसभा से सदस्यता छिन जाने के बाद शरद यादव को अब दिल्ली हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने शरद यादव की उस अर्ज़ी पर राहत देने से इंकार कर दिया है जिसमें शरद यादव ने राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
शरद यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि जिस तरह से उनकी राज्यसभा की सदस्यता खत्म करने का फैसला सुनाया गया वह नियमों के खिलाफ है, क्योंकि वहां पर उनका पक्ष जाना ही नहीं गया. लेकिन हाईकोर्ट शरद यादव के वकीलों की इन दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और शरद यादव को राहत देने से इंकार कर दिया.
इससे पहले राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने जनता दल यूनाइटेड की मांग पर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा की सदस्यता को खत्म करने का फैसला सुनाया था.
जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा को जानकारी दी थी कि जनता दल यूनाइटेड के मना करने के बावजूद शरद यादव और अली अनवर ने राष्ट्रीय जनता दल की अगस्त महीने में आयोजित की हुई महारैली में हिस्सा लिया था.
उस दौरान जनता दल यूनाइटेड ने दोनों ही नेताओं से साफ कर दिया था कि अगर वह रैली में हिस्सा लेंगे तो उनकी पार्टी की सदस्यता खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी लेकिन उसके बावजूद इन दोनों ही नेताओं ने राष्ट्रीय जनता दल की महारैली में हिस्सा लिया था.
ऐसे में जब इन दोनों ही नेताओं की पार्टी की सदस्यता ही खत्म हो चुकी है तो इनको जदयू के राज्यसभा सांसद के तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकती लिहाजा इनकी राज्यसभा की सदस्यता रद्द की जाए.