नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली से सोनीपत के बीच डॉक्टरों, नर्सों, अदालतों के कर्मियों और ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाने का हरियाणा के अधिकारियों का आदेश आने-जाने की स्वतंत्रता का हनन प्रतीत होता है, क्योंकि न तो पूरी दिल्ली और न ही सोनीपत कोरोना वायरस का कंटेनमेंट एरिया है.


न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने इस मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के दौरान कहा कि सोनीपत के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आवाजाही पर रोक लगाने का आदेश, प्रथम दृष्टया लॉकडाउन को लेकर केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा जारी आदेशों और पत्रों के विपरीत है.


अदालत ने केंद्र और हरियाणा सरकार को इस संबंध में दायर एक याचिका पर नोटिस भेजा है. याचिका में सोनीपत जिला प्रशासन के आदेश को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता ओपी. गुप्ता ने याचिका में कहा है कि दिल्ली में रहने वाले कई लोगों को सोनीपत में जरूरी काम के लिए जाना पड़ता है. वहीं सोनीपत के लोगों को भी काम के लिए दिल्ली जाना पड़ता है.


हाल ही में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा में कोरोना वायरस फैलने के पीछे दिल्ली में काम कर रहे लोगों को जिम्मेदार ठहराया था. विज ने दिल्ली में काम करने वाले लोग जो कि हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में रहते हैं उनको कोरोना कॅरियर्स का नाम दिया था.


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