नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बाहर से यहां एम्स में इलाज के लिए आए गैर कोरोना मरीजों के लिए ठहरने का इंतजाम हो.


न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने उम्मीद जतायी कि अगले कुछ सप्ताहों में, कम से कम सीमित तरीके से, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाह्य रोगी विभाग को फिर से खोला जाएगा. कोर्ट ने इस बात को लेकर प्रशंसा की कि एम्स अपने यहां इलाज करा रहे सभी मरीजों को अपनी फार्मेसी से दवाएं दे रहा है.


पीठ ने बोर्ड को निर्देश दिया कि गैर कोरोना मरीजों और उनके सहायकों के लिए एम्स के सामने रैन बसेरों या समीप के गार्गी स्कूल या प्रतिभा स्कूल में रहने का इंतजाम किया जाए. यह निर्देश दो जनहित याचिकाओं पर आया है.


इन याचिकाओं में दावा किया गया है एम्स में इलाज कराने बाहर से आए गैर कोरोना मरीजों का वहां उपचार नहीं हो रहा है और उन्हें अस्पताल की दवा दुकान से दवाइयां नहीं मिल रही हैं.


पीठ ने गैर कोरोना मरीजों को मुफ्त दवाओं की मांग संबंधी एक याचिका को तब निस्तारित कर दिया जब अस्पताल ने बताया कि उसकी दवा दुकान सक्रिय है. अदालत ने बाहरी मरीजों के लिए उपचार और आश्रय की मांग संबंधी अन्य याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख तय की.


ये भी पढ़ें-


उत्तराखंड: ब्रह्म मुहूर्त में खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, कोरोना की वजह से सिर्फ गिने चुने लोग ही हुए शामिल


Coronavirus: दुनियाभर में तीन लाख से ज्यादा मौत, मरीजों की संख्या 45 लाख के पार