दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब देश के बाकी धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो निजामुद्दीन के मरकज में इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की गाइडलाइन्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने मस्जिद के अंदर रमजान के दौरान नमाज करने की इजाज दे दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली पुलिस की इस दलील को खारिज कर दिया कि पुलिस की तरफ से वैरिफाइड 200 लोगों की सूची में से सिर्फ एक वक्त पर 20 लोगों को ही अंदर जाने की इजाजत दी जाए.
जस्टिस मुक्त गुप्ता ने कहा- यह एक सार्वजनिक स्थल है. जब अन्य जगहों के धार्मिक स्थलों पर ऐसी कोई रोक नहीं है तो फिर वे वहां पर आने वाले लोगों की संख्या तय नहीं कर सकते. उन्होंने आगे कहा- कोई भी व्यक्ति मंदिर, मस्जिद या गिरिजाघर में जा सकता है और किसी की तरफ से 200 लोगों की सूची नहीं दी जा सकती है.
केन्द्र के अनुरोध पर कि रमजान 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है, दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि हजरत निजामुद्दीन के मरकज में नमाज की इजाजत दी जाए हालांकि यह डीडीएम की तरफ से जारी कोविड-19 गाइडलाइन्स के अनुरूप हो.