नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आज न्यूज चैनलों से न्यूज रिपोर्टिंग मानकों में सुधार लाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि लोग प्रेस से डरे हुए हैं और दूरदर्शन युग इससे ज्यादा बेहतर था. जस्टिस राजीव शकधर ने कहा, "लोगों में प्रेस के बारे में डर फैल गया है. यहां तक कि अगर बड़ी हस्तियों की निजता का मुद्दा कमजोर भी करें तो भी आप (न्यूज चैनल) उनके निजी जीवन को सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं खींच सकते. मुझे लगता है कि ब्लैक एंड व्हाइट दूरदर्शन का युग बहुत बेहतर था."


आजकल जिस तरह से न्यूज रिपोर्टिग हो रही है, कोर्ट ने उस तरीके को बदलने के तंत्र के बारे में भी न्यूज चैनलों से सवाल किया. कोर्ट ने पूछा, "यहां तक कि कुशल और शिक्षित दिमाग भी इस तरह की गलत रिपोर्टिंग से प्रभावित होते हैं. आप हमें बताएं कि हमें इसका समाधान कैसे करना चाहिए?"


बॉलीवुड ने दो न्यूज चैनलों की रिपोर्टिंग के खिलाफ दायर की याचिका
यह टिप्पणी तब की गई जब कोर्ट चार बॉलीवुड संघों और 34 निमार्ताओं द्वारा रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ की बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ रिपोर्टिंग पर लगाम कसने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. बॉलीवुड संघों ने दोनों चैनलों द्वारा की गई रिपोर्टिंग और बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ की गई टिप्पणियों को 'गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक' करार दिया था.


कोर्ट ने दी चेतावनी
पीठ ने कहा कि यह न्यूज चैनलों को खबरों को कवर करने से नहीं रोक रहा है, लेकिन केवल उन्हें जिम्मेदार पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए कह रहा है. कोर्ट ने कहा, "हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप ऐसी खबरों को कवर नहीं कर सकते, लेकिन हम (केवल) आपको जिम्मेदार पत्रकारिता करने के लिए कह रहे हैं." अदालत ने चैनलों को यह भी चेतावनी दी कि यदि वे प्रोग्राम कोड का पालन नहीं करते हैं, तो अदालत को 'लागू' करना होगा.


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