नई दिल्ली: दिल्ली में चारों ओर फैले कूड़े को लेकर एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट पर  दिल्ली हाईकोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कूड़े को लेकर एमसीडी को फिर फिटकार लगाई. जब आज दोपहर 12 बजे इस मामले में दोबारा सुनवाई हुई तो कोर्ट रूम में एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट दिखाई गई. जब रिपोर्ट में हाथ से नाले से कूड़ा निकालने के मंजर को जजों ने देखा तो कहा कि ये हाल है.


सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दक्षिण दिल्ली एमसीडी कमिश्नर से साफ सफाई को लेकर सवाल पूछा. एमसीडी कमिश्नर ने कहा कि साफ सफाई हो रही है.


कोर्ट वकील से: आप हलफनामे देते हैं शायद आपको भी नहीं पता कि सच्चाई क्या है. अगर हम ये ज़िम्मेदारी नहीं देते ( एबीपी न्यूज़ को) तो सच्चाई पता ही नहीं चलती


कोर्ट: ये देश की राजधानी का हाल है. जिसकी हम विदेशों से तुलना करते हैं यहां पर सफाई कर्मचारी को सफाई हाथ से करनी पड़ती है. कहा, आप क्या चाहते हैं हम विश्वास कर लें कि सब अच्छा चल रहा है... सिर्फ solid waste management की बात चल रही है... sewage cleaning की तो अभी बात भी नहीं की.. नाला साफ करने वाले हाथ से कीचड़ निकाल रहे हैं. आप उन्हें औजार नहीं दे सकते.


कोर्ट: एमसीडी दिल्ली सरकार से पैसा नहीं मिलता तो याचिका दायर कीजिये. केंद्र से नहीं मिलता तो उनके खिलाफ याचिका दायर कीजिये. हम देखते हैं कि क्या करना हैं.


MCD वकील ने माना की न्यूज़ चैनल (ABP News) ने अपना काम किया है और सच दिखाया है.


चैनल ने जो काम किया है वो देश हित का है अपनी ज़िम्मेदारी निभाई है.


कोर्ट: अगर 3 एमसीडी के विभाजन के बाद हालात खराब हुए तो फिर से एकीकरण कर दीजिए.

कोर्ट: आपने काफी बैठक कर ली होंगी. चाय और समोसे पर चर्चा की गई होगी, पर हुआ क्या!!

कोर्ट: क्या एमसीडी का काम ज़िम्मेदारी से और सच्चाई के साथ कर रहा है.

दोपहर 12 बजे की सुनवाई से पहले कोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर से पूछा कि आप हमारे आदेश के बाद खुद कितनी जगह गए. इसके जवाब में साउथ दिल्ली एमसीडी कमिशनर ने कहा कि साफ सफाई पर ध्यान दिया गया.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर अंकित गुप्ता से पूछा कि सच्चाई क्या है? इसके जवाब में अंकित गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि कुछ खास नहीं बदला है. तब चीफ जस्टिस ने कोर्ट में प्रोजेक्टर लगाने को कहा और 12 बजे के बाद फिर सुनवाई की.


कोर्ट ने कमिश्नर से पूछा कि जानकारी मिली है कि आपके अधिकारी और कर्मचारी काम पर आते ही नहीं हैं. क्या आपको पता है कि वो काम करते भी हैं कि नहीं? कोर्ट ने ये भी कहा कि सफाई कर्मचारी की सैलरी कैसे देते हैं? क्या समय पर मिलती है सैलरी?


इस पर कोर्ट ने एबीपी न्यूज़ के संवाददाता अंकित गुप्ता से पूछा कि सच्चाई क्या है? 



जब अंकित गुप्ता ने कहा कि कुछ खास नहीं बदला है तो कोर्ट ने कमिश्नर से कहा कि हम आपको दिखाते हैं कि क्या हुआ है.



आपको बता दें कि एबीपी न्यूज़ ने 30 मई को कार्यक्रम ‘घंटी बजाओ’ में कूड़े पर रिपोर्ट दिखाई थी. 31 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट को अदालत में दिखाते हुए दिल्ली सरकार और एमसीडी को खरी खोटी सुनाई थी और एबीपी न्यूज से कहा कि उसे सरकार और एमसीडी पर भरोसा नहीं है. चैनल दिल्ली के कूड़ा सफाई पर सरकार की जांच करे और रिपोर्ट हाईकोर्ट को दे.



इसके लिए कोर्ट ने बाकायदा अपने दस्तावेज पर एबीपी न्यूज संवाददाता अंकित गुप्ता को लोकल कोर्ट कमिश्नर बनाया था. एबीपी न्यूज की रिपोर्ट पीएमओ और दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर को भी भेजी गई थी. उस दिन से लगातार एबीपी न्यूज़ ने दिल्ली के कोने-कोने की कूड़ा रिपोर्ट दिखाई है.