नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार के मामले में समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को सुनाई गई चार साल कैद की सजा को स्थगित कर दिया है. वकील ने बताया कि हाई कोर्ट ने रक्षा भ्रष्टाचार मामले में दोष सिद्धि और सजा के विरूद्ध जया जेटली की अपील पर सीबीआई से जवाब मांगा है.


आज ही दिल्ली की एक अदालत ने 2000-01 के कथित रक्षा सौदे से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जया जेटली और दो अन्य लोगों को चार साल कैद की सजा सुनाई थी. विशेष सीबीआई न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने जया जेटली के पूर्व पार्टी सहयोगी गोपाल पचेरवाल, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एस. पी. मुरगई को भी चार-चार साल कैद की सजा सुनाई.


मुरगई के वकील विक्रम पंवार ने यह जानकारी दी. अदालत की सुनवाई बंद कमरे में हुई. तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया और उन्हें आज शाम पांच बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया.


तीनों को हाथ से चलाए जाने वाले ‘थर्मल इमेजर्स’ की कथित खरीद के मामले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था. समाचार पोर्टल ‘तहलका’ द्वारा किए स्टिंग ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था.


तीनों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने कहा था कि उन्होंने सुरेंद्र कुमार सुरेखा (बाद में गवाह बन गए) के साथ मिलकर दिल्ली में दिसंबर 2000 और जनवरी 2001 के बीच आपराधिक साजिश की .


अदालत ने कहा कि जेटली को एक फर्जी कंपनी वेस्टलैंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि मैथ्यू सैमुअल से दो लाख रुपये की अवैध रकम मिली और मुरगई को 20,000 रुपये मिले . सेना से थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए रिश्वत लिए गए.