सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम को रोकने की याचिका पर सोमवार को दिल्ली HC सुनाएगा फैसला
कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर विपक्षी दलों ने जमकर सवाल उठाए हैं. करीब 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को गैरजरूरी बताते हुए विपक्ष ने कहा है कि सरकार को कोरोना से निपटने पर ध्यान देना चाहिए.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला करेगा कि वर्तमान में जारी कोविड महामारी के दौरान सेंट्रल विस्टा परियोजना के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को रोकने की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई की है. पीठ ने इस पर अपना फैसला देने के लिए 31 मई की तारीख तय की है. हाईकोर्ट की वाद सूची शनिवार को सामने आई.
अदालत ने अनुवादक अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी की संयुक्त याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दोनों ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि परियोजना एक आवश्यक कार्य नहीं है और इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है.
कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा का निर्माण कितना सही? सर्वे में जानें लोगों की राय
एबीपी न्यूज़ के लिए सर्वे एजेंसी सी वोटर ने लोगों की राय जानी है. लोगों से पूछा गया कि कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा निर्माण सही है? इसके जवाब में 48 फीसदी शहरी और 39 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि हां निर्माण किया जाना ठीक है. वहीं 29 फीसदी शहरी और 36 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि इस समय इसका निर्माण किया जाना ठीक नहीं है. वहीं 23 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नई संसद भवन से लेकर सरकारी मंत्रालय तक बनाए जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत मौजूदा संसद भवन की जगह त्रिभुज आकार का संसद भवन बनाया जाएगा.
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