नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली के मौजपुर, करावल नगर, जाफराबाद, भजनपुरा जैसे इलाकों में लगातार हो रही हिंसा की न्यायिक जांच और एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानी कि बुधवार को सुनवाई करेगा. याचिका में इसके साथ ही अलग-अलग नेताओं द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ऐसे सभी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए.

भड़काऊ भाषण की वजह से खराब हुआ माहौल
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में जिक्र किया गया है उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हो रही हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ लोग नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़क पर उतरे और उनका जवाब देने के लिए कई और लोग सड़कों पर बैठ गए. जो लोग नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में खड़े होने की बात कर रहे थे उनको भड़काने का काम बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने किया और कपिल मिश्रा के भड़काऊ बयान के बाद वहां पर हालात खराब हो गए और लगातार हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

बीजेपी के नेताओं पर भड़काऊ भाषण के मामले में कार्रवाई की मांग
याचिका में इसके साथ ही मांग की गई है कि बीजेपी के उन नेताओं के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए जिन्होंने चुनावों के दौरान भड़काऊ भाषण दिए थे. फिर चाहे वह बात वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर की या फिर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की हो. इसके साथ ही कपिल मिश्रा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन लोगों ने भड़काऊ भाषण देकर इलाके के लोगों को भड़काने का काम किया है और ऐसे में इस हिंसा के सीधे तौर पर जिम्मेदार यह नेता ही हैं.

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात बेहद तनावपूर्ण
गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हालात बेहद तनावपूर्ण और हिंसा ग्रस्त हैं. पुलिस प्रशासन ने पूरे इलाके में धारा 144 लगाई हुई है लेकिन उसके बावजूद घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इन घटनाओं में अब तक कुल 7 लोगों की मौत भी हो चुकी है लेकिन फिर भी हिंसा जारी है और लगातार बढ़ती जा रही है.

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