स्मॉग पर हाईकोर्ट सख्त: ‘पराली’ को बताया खलनायक, सरकार को दी खास सलाह
हाईकोर्ट ने सरकार की तरफ से पार्किंग दर को चार गुणा बढ़ाने पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि कोई अगर अस्पताल गया है तो उसे चार गुना अधिक पार्किंग चार्ज देना होगा.
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नई दिल्ली: दिल्ली में स्मॉग पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त हो गई है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है. अदालत ने दिल्ली सरकार से वाहनों के लिए ऑड-ईवन योजना लाने और कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने पर विचार के लिए कहा है. कोर्ट ने पराली को 'प्रत्यक्ष खलनायक' बताया है.
हाईकोर्ट ने केंद्र से तत्काल प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अल्पावधि उपायों को अपनाने के मद्देनजर दिल्ली और एनसीआर के अधिकारियों के साथ बैठक करने और इससे संबंधित रिपोर्ट मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को पेश करने के लिए कहा.
न्यायमूर्ति एस. रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु नियंत्रण मंत्रालय के मुख्य सचिव को अपने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के समकक्षों और प्रदूषण नियंत्रक एजेंसी के साथ प्रदूषण से निपटने के लिए तीन दिनों के अंदर बैठक करने के निर्देश दिए.
पीठ ने कहा कि मुख्य सचिवों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार करना चाहिए. पीठ ने कहा कि यह बहुत महंगी प्रक्रिया नहीं है और बेंगलुरू ने इस प्रक्रिया को अपनाया है.
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से वाहनों की ऑड-ईवन योजना को वापस लाने पर भी विचार करने को कहा. लेकिन, हाईकोर्ट ने सरकार की तरफ से पार्किंग दर को चार गुणा बढ़ाने पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि कोई अगर अस्पताल गया है तो उसे चार गुना अधिक पार्किंग चार्ज देना होगा.
कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के लिए पराली को जलाना 'प्रत्यक्ष खलनायक' है लेकिन अधिकारियों को इसके लिए और कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए. सड़क और निर्माण गतिविधियों साथ ही वाहनों व ओद्यौगिक प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को शहर में ट्रकों की आवाजाही को भी कड़ाई से नियंत्रित करने के आदेश दिए.
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