नई दिल्ली: दिल्ली में पानी की गुणवत्ता को लेकर राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई है. आज दिल्ली में जगह-जगह पानी को लेकर बड़े-बड़े होर्डिंग-पोस्टर लगाए गए हैं. जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के फोटो हैं.
होर्डिंग में सवाल पूछे गए हैं, ''दिल्ली में पानी साफ है तो 21 लाख 88 हजार 253 डायरिया के मरीज कहां से आए? 4 साल में 19,000 मरीज कालरा के अस्पतालों में कहाँ से भर्ती हुये? 36,426 पानी से जुड़ी शिकायतें कहाँ से मिली?'' इन्हीं समस्याओं को लेकर बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी 500 स्थानों के पानी के सैंपल लेकर दोपहर 1:00 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचेंगे.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने संयुक्त जांच टीम में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष को नामित करने पर सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है. वहीं अब केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि पानी की गुणवत्ता जांच में जिस नमूने का इस्तेमाल किया गया, उनमें से एक पासवान की पार्टी पदाधिकारी के घर का था.
पानी की गुणवत्ताः सीएम केजरीवाल का आरोप- ‘पासवान ने अपनी पार्टी के सदस्य के घर का नमूना भेजा’
दिल्ली के पानी की गुणवत्ता 23 राजधानियों में सबसे खराब पाई गई है और इसके 11 नमूने अलग-अलग मानकों पर खरे नहीं उतर पाए हैं. इसके बाद से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया. वहीं खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि वह पानी की जाँच के लिए बनने जा रही टीम के लिए सदस्यों को नामित करें जिसमें केंद्र और शहर के अधिकारी होंगे. इसके बाद केजरीवाल ने दो लोगों को नामित किया, जिसमें जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और सदस्य शलभ कुमार का नाम शामिल है. दोनों को नामित किए जाने संबंधी चिट्ठी पासवान को भेजी गई.
पासवान ने चिट्ठी मिलने के बाद केजरीवाल पर राजनीतिक व्यक्ति को टीम के लिए चुने जाने का आरोप लगाया और कहा कि वह गैर-राजनीतिक व्यक्ति को नामित करें. पासवान ने लिखा, "दिल्ली में पानी की जांच के लिए संयुक्त टीम के गठन पर सीएम केजरीवाल जी ने आज अपनी ओर से जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सहित दो लोगों को नामित करने की सूचना दी है. मैंने पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि उपाध्यक्ष राजनीतिक व्यक्ति हैं. किसी गैर-राजनीतिक व्यक्ति को नामित करें."