केंद्र सरकार ने 8 जून से देश के कंटेनमेंट जोन के बाहर तमाम धार्मिक स्थलों के खोले जाने के आदेश जारी कर दिए हैं. लगभग 2 महीने से ज्यादा लंबे अंतराल के बाद तमाम स्थल खोले जाएंगे. ऐसे में ABP न्यूज ने दिल्ली के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के प्रतिनिधियों से बात की और जानने का प्रयास किया कि क्या है उनकी तैयारियां.


झंडेवाला देवी मंदिर


मंदिर के ट्रस्टी रविंदर गोयल ने बताया कि डिसइंफेक्टेंट का काम जारी है. दो महीने से प्रतीक्षारत श्रद्धालुओं के स्वागत करने के लिए मंदिर पूरी तरह से तैयार है. कोई भी भक्त मास्क के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता. दो मुख्य स्थानों पर सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. भगवान पर श्रद्धालु माला या प्रसाद नहीं चढ़ा पाएंगे. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए निशान लगी जगह पर दो पंक्तियों में श्रद्धालु खड़े होंगे. मंदिर में किसी और दरबार को नहीं खोला गया है.


रस्सी से लोगों को मुख्य दरबार से कुछ दूरी पर रोका जाएगा. श्रद्धालु कुछ दूर ही खड़े होकर भगवान का दर्शन कर पाएंगे. मंदिर की तमाम घंटियां ढक दी जाएंगी. श्रद्धालु हाथों से उन्हें छू न पाएंगे. जूते उतारने के लिए बैरिकेडिंग की गयी है. एग्जिट होने पर उन्हें मिश्री का प्रसाद दिया जाएगा. मंदिर परिसर में आने के बाद पूरे अनुशासित तरीके से ही दर्शन करवाये जाएंगे. उस वक्त केवल मुख्य भवन दर्शन के लिए खुला रहेगा. सन्तोषी दरबार और गुफा बंद रहेगी. सुरक्षा संबंधी चूक से बचने के लिए 30-35 सेवादारों को वॉकी टॉकी दिया गया है.


जामा मस्जिद


जामा मस्जिद के इमाम बुखारी कहते हैं कि सरकारी गाइडलाइन्स को फॉलो करने का पूरा प्रयास किया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए नमाज की लाइनों में भी फासला रखा जाएगा. एक कतार छोड़कर ही लोग नमाज अदा कर सकेंगे. नमाज के लिए इस्तेमाल की जानेवाली कालीन को हटा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि तालाब के पानी को खाली करा दिया जाएगा. वुजू के लिए टोटियों पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के येलो निशान रहेंगे. लोगों को बताया जाएगा कि आपको खुद भी ऐहतियात बरतनी है. अपने आप को महफूज रखना है. लोगों को इसका खयाल कहीं न कहीं खुद रखना होगा. सख्ती के साथ नियमों का पालन किया जाएगा.


जामा मस्जिद आनेवालों से कहा जाएगा कि ज्यादा संख्या में न आएं. एक गेट से आनेवालों को कहा जाएगा कि दूसरे गेट से बाहर जाएं. जमा मस्जिद में तीन गेट हैं लेकिन किसी गेट पर अभी थर्मल स्कैनिंग या सैनेटाइजर की व्यवस्था नहीं है. पूछने पर इमाम बुखारी ने बताया कि उन्होंने सरकार को गेट पर थर्मल स्कैनिंग और सैनेटाइजर कि व्यवस्था करने को कहा है. जामा मस्जिद के केयरटेकर अरशद अली ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक दूरी जरूरी बनाना है. लोगों से अपील की जा रही है कि अपने कालीन लेकर आएं क्योंकि उन पर कीटाणु रहने की ज्यादा आशंका रहती है.


झुंड न बने उसके लोए पीछे से इंतेजाम किये गए हैं. अगर मस्जिद में नमाज के दौरान या बाद में ऐसा होते है तो उन्हें मना किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एंट्री एग्जिट पर कोई रोकटोक नहीं होगी. किसी भी गेट से लोग आ जा सकते हैं. उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है. महामारी में लॉकडाउन के दौर से पहले नमाज के लिए लगभग 2000 से 3000 लोग होते थे लेकिन अब मार्किंग्स के चलते सिर्फ 1000 से 1200 की संख्या ही रह जाएगी. लोगों को ज्यादा देर तक मस्जिद के अंदर बैठने नहीं दिया जाएगा.


कालकाजी सिद्ध पीठ मंदिर


कालकाजी सिद्ध पीठ मंदिर की प्रबंधन कमिटी के अध्यक्ष विपिन गौर ने बताया कि दो टनल बनवा रहे हैं. जहाँ श्रद्धालुओं को सैनेटाइज करने के बाद ही आने दिया जाएगा. मंदिर के मुख्य द्वार पर सेवादार श्रद्धालुओं को सैनेटाइजर देंगे. हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग के स्टीकर नजर आएंगे. मंदिर में सेवादारों पीपीई किट पहनकर लोगों का तापमान चेक करेंगे. जिनका तापमान निर्धारित स्तर से ज्यादा होगा उन्हें बाहर ही रोक दिया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन मंदिर के शुरू से ही करने की व्यवस्था की गई है. सेवादारों की फौज अपनी तरफ से लोगों को बताएगी कि मंदिर में भीड़ न होने दें.


इसके लिए अलग अलग दिन पर ही मंदिर आएं. पुजारी परिवार में 1000 सक्रिय पुजारी हैं जो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को एक एक घंटे के अंतराल से आने की अपील कर रहे हैं. मंदिर भी अपनी तरफ से अपडेट के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेगा. मंदिर में लगे दान पात्रों को सैनेटाइज किया जाएगा. श्रद्धालुओं को चढ़ावा नहींं चढ़ाने दिया जाएगा. मंदिर के बाहर की दुकानों को खोलने की अनुमति नहीं होगी. मंदिर प्रसाद का वितरण पूरी साफ सफाई और पैकिंग के साथ करेगा.


अभी 3 दिन से सभी दान पात्रों को सैनेटाइज किया जा रहा है. मंदिर के दान पात्र, घंटियों को हर दो घंटे में सैनेटाइज किया जाएगा. महामारी से पहले मंदिर में दस से पंद्रह हजार तक श्रद्धालुओं की भीड़ हो जाती थी. इसके अलावा शनिवार और मंगलवार को पच्चीस से तीस हजार लोग आते थे लेकिन अब कोविड-19 के चलते श्रद्धालुओं की संख्या कम होने की पूरी आशंका है. जहां तक श्रद्धा की बात है तो लोगों को रोका भी नहीं जा सकता. लोगों से अपील की जाती है कि अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरतें.


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