Coaching Centre Flood Reason: 3 मिनट में कैसे घुस गया बेसमेंट में 12 फुट पानी..जानिए क्यों दिल्ली में सुरक्षित नहीं कोचिंग सेंटर्स
Old Rajendra Nagar Coaching Death: ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुए हादसे के बाद एमसीडी की एक टीम ने अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर के बेसमेंट सील कर दिए हैं.
Delhi Coaching Centre Flood: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में शनिवार (27 जुलाई) को भारी बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की मौत हो गई. इस हादसे को लेकर काफी ज्यादा सियासत होते हुए नजर आ रही है. दूसरी ओर छात्र इस घटना के बाद सरकार पर पूरी तरह से हमलावर हैं. हालांकि, यहां सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि आखिर 3 मिनट के भीतर बेसमेंट में 12 फुट पानी कैसे भर गया.
लोग अभी भी उस मंजर को याद कर सिहर उठ रहे हैं, जब अचानक से बेसमेंट में पानी घुसा होगा? अपने सपनों, परिवार की उम्मीदों को लेकर देश के कोने-कोनों से दिल्ली में कोचिंग करने आए छात्रों के आंखों के सामने कैसा मंजर होगा? ये कुछ ऐसा है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. मगर राजधानी में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद सवाल ये भी है कि आखिर दिल्ली में कोचिंग सेंटर सुरक्षित क्यों नहीं हैं? ऐसे में आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
कैसे पानी से भर गया कोचिंग सेंटर का बेसमेंट?
ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राऊज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में छात्रों के बैठने के लिए कुछ ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिसकी वजह से पानी ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया. भारी बारिश की वजह से बाहर सड़क पर पानी का सैलाब था. बताया जा रहा है कि एक कार की रफ्तार से उठी लहर बेसमेंट की खिड़कियों को तोड़ते हुए अंदर दाखिल हुई. देखते ही देखते पानी भरता चला गया और फिर छात्रों ने दम तोड़ दिया. पानी इतनी ज्यादा तेजी से दाखिल हुआ कि उन तीन छात्रों को निकलने का मौका ही नहीं मिला.
बारिश की वजह से सड़क पर करीब 3 फीट पानी भरा हुआ था. चश्मदीद छात्र के मुताबिक, बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में करीब 30-35 स्टूडेंट्स मौजूद थे. हादसे से पहले पानी धीरे धीरे अंदर जा रहा था. उस वक्त शाम के 6 बजकर 35 मिनट हो रहे थे, यानि लाइब्रेरी बंद होने से पहले. अक्सर शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद हो जाती थी, जिसके बाद छात्र बाहर निकल जाते. छात्रों ने बताया कि 27 जुलाई को भी लाइब्रेरी से वो जैसे ही बाहर निकले तो सामने से बहुत तेज प्रेशर में पानी आते हुए दिखाई दिया.
सड़क पर जमा पानी बेसमेंट की ऊपरी खिड़कियां तोड़ते हुए तेजी से अंदर दाखिल हुआ. ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है. समंदर में डूबते जहाज के केबिन में पानी जितनी रफ्तार से दाखिल होता है, उसी तेजी से पानी ने छात्रों की घेराबंदी कर दी. ठीक दो मिनट बाद यानि 27 जुलाई शाम 6 बजकर 36 मिनट पर जब तक छात्र लाइब्रेरी खाली करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था. शाम 6 बजकर 37 मिनट तक बेसमेंट में 4 से 5 फीट पानी भर गया.
यानि 2 मिनट के अंदर छात्रों के गले तक पानी पहुंच गया और 3 मिनट के अंदर शाम 6 बजकर 38 मिनट पर पूरे बेसमेंट में 10 से 12 फुट पानी भर गया. बेसमेंट की छत की ऊंचाई 12 फीट है, यानि पूरा बेसमेंट में लबालब पानी आ गया. सांस लेने के लिए बिल्कुल जगह नहीं बची. सीढ़ियों से लेकर खिड़कियों तक पानी ने रास्ता रोक लिया.
दिल्ली में कोचिंग सेंटर सुरक्षित क्यों नहीं?
2023 में दिल्ली फायर सर्विस यानि DFS और MCD के मुताबिक करोल बाग, कटवारिया सराय, कालू-सराय और मुखर्जी नगर में स्थित सेंटर सुरक्षित नहीं हैं. सरकार को भी इसकी वजह मालूम है. दिल्ली में कुल 583 कोचिंग संस्थान चल रहे हैं, जिनमें से सिर्फ 67 के पास ही अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र है. शहर में कुल 461 कोचिंग सेंटर बिना फायर सेफ्टी के साथ चलते हैं. कोचिंग संस्थान “रिक्विसिट फायर प्रिवेंटिव एंड फायर सेफ्टी मेजरस” दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते.
कई कोचिंग सेंटर ऐसी इमारतों में संचालित होते हैं, जो संरचनात्मक सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते. इन क्षेत्रों में संकरी और भीड़भाड़ वाली सड़कें हैं. कई कोचिंग सेंटरों में सिर्फ एक ही सीढ़ी है. सेंटर पर छात्रों की भीड़ होती है. एक कमरे में जरूरत से ज्यादा संख्या में छात्र होते हैं, लेकिन सबकुछ जानते हुए भी ना तो सरकार की ओर से कोई एक्शन होता है और ना ही अधिकारी खुद संज्ञान लेते हैं.
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