IGI Airport Accident: छत गिरने के बाद टर्मिनल-1 से सभी फ्लाइट्स सस्पेंड, जानिए किन एयरलाइंस की फ्लाइट हुईं रद्द
IGI Airport Accident: एयरपोर्ट हादसे से इंडिगो की 32 फीसदी फ्लाइट्स तो वहीं स्पाइसजेट की 50 फीसदी फ्लाइट्स प्रभावित हुई है. टर्मिनल-1 कब तक बंद रहेगा इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
Delhi IGI Airport Accident: दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर शुक्रवार (28 जून 2024) की सुबह छत का एक हिस्सा गिरने से अफरातफरी का माहौल बन गया. आरोप-प्रत्यारोप और बचाव कार्यों के बीच टर्मिनल-1 पर परिचालन ठप हो गया. एयरलाइंस को शुरू में देरी होने क बाद कई उड़ाने रद्द करनी पड़ीं. बाद में दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से कहा गया कि टर्मिनल-1 से अनिश्चित समय तक के लिए परिचालन सस्पेंड कर दिया गया है.
कितनी फ्लाइट्स होगी प्रभावित
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार (29 जून 2024) को दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 से 89 फ्लाइट्स उड़ान भरने वाली हैं. वहीं रविवार को यहां से 90 फ्लाइट्स उड़ान भरने वाली हैं. यह दिल्ली से उड़ान भरने वाली कुल डोमेस्टिक फ्लाइट्स का लगभग 18.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की तीनों टर्मिनल-3, टर्मिनल-2 और टर्मिनल-1 डी से रोज लगभग रोज 480 डोमेस्टिक फ्लाइट्स उड़ानें भरती है.
जब टर्मिनल-1 को विस्तार किया किया जा रहा था तब यहां से उड़ाने कम दी गई थीं. उन फ्लाइट्स के लिए टर्मिनल-3 और टर्मिनल-2 को उपयोग में लाया गया. शनिवार को प्रभावित होने वाली 89 फ्लाइट्स में से 17 स्पाइसजेट और बाकी इंडिगो की ओर से संचालित की जाती है. ये सब डोमेस्टक फ्लाइट्स हैं. शनिवार को दिल्ली से इंडिगो की 217 डोमेस्टिक फ्लाइट्स उड़ान भरेगी. यानी कि इंडिगो की 32 फीसदी फ्लाइट्स इस हादसे से प्रभावित हुआ है. वहीं शनिवार को स्पाइसजेट की कुल 36 फ्लाइट्स दिल्ली से उड़ान भरने वाली है. यानी कि स्पाइसजेट की 50 फीसदी फ्लाइट्स प्रभावित हुई है.
टी1 कब तक बंद रहेगा?
दिल्ली के टर्मिनल-1 कब तक बंद रहेगा इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. सबसे पहले तो ढही हुई संरचना की जांच होगी और फिर उसके बाद क्षतिग्रहस्त ढ़ांचे में सुधार करके ऑपरेटर और सरकारी एजेंसियों को संतुष्ट होना होगा कि इन जगहों को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं. इस टर्मिनल को फिर से शुरू करने के लिए ऑडिट की जरूरत हो सकती है.
संसद सत्र चल रहा है और दिल्ली में बारिश ने तबाही मचा रखी है, ऐसे में सरकार की भूमिका अहम हो जाएगी. यह देखना बाकी है कि ऑपरेटर और सरकार टर्मिनल-1 को फिर से शुरू करने के लिए कितनी जल्दी मिलकर काम करते हैं. टर्मिनल 1 के बिना फ्लाइट के संचालन में 40 फीसदी तक की कमी हो जाएगी.