नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया के तहत भारत को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. भारत जल्द ही स्वदेशी वैपन लोकेटिंग रडार, ''स्वाथी'' को अर्मेनिया को निर्यात करने जा रहा है. खास बात ये है कि अर्मेनिया ने रूस और पोलैंड की रडार को दर-किनार कर भारत की इस रडार को चुना है.


सूत्रों के मुताबिक भारत कुल चार (04) स्वाथी रडार प्रणाली अर्मेनिया को देना जा रहा है. इस सौदे की कुल कीमत करीब 40 मिलियन डॉलर यानि करीब करीब 3 हजार करोड़ रूपये है. मेक इन इंडिया के तहत भारत का ये अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील मानी जा रही है.


आपको बता दें कि स्वाथी एक वैपन लोकेटिंग रडार है जो दुश्मन की तरफ से दागे जाने वाले रॉकेट, मोर्टार और दूसरी फायरिंग की सही सही लोकेशन बता देती है जिससे दुश्मन की गन-पॉजिशन को तोप या किसी दूसरी मिसाइल को दागकर तबाह कर दिया जाता है. इसकी रेंज करीब 50 किलोमीटर है.


स्वाथी रडार को डीआरडीओ यानि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलवमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने वर्ष 2016 में तैयार किया था और इसका प्रोडेकशन, भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड यानि बीईएल करती है. ट्रायल के दौरान जब स्वाथी रडार को एलओसी पर तैनात किया गया था पाकिस्तान की गन-पोजिशन की सही सही लोकेशन बताकर स्वाथी रडार ने पाकिस्तानी खेमे में हड़कंप मचा दिया था. वर्ष 2017 में स्वाथी का भारतीय सेना में आधिकारिक तौर से शामिल किया गया था. वर्ष 2018 की गणतंत्र दिवस परेड में स्वाथी रडार का प्रदर्शन किया गया था.


हाल ही में लखनऊ में हुए डिफेंस एक्सपो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि वर्ष 2025 तक रक्षा क्षेत्र में 35 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट किया जाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2016 में मात्र 1500 करोड़ के निर्यात से 2018-19 में ये करीब साढ़े दस हजार करोड़ पहुंच गया है.


डिफेंस एक्सपो के लिए दक्षिण एशियाई देशों के साथ साथ अफ्रीकी देशों को भी मेक इन इंडिया के तहत देश में बनाए जा रहे हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान को निर्यात के लिए आकर्षित करने की योजना है. इसको लिए विदेशों में भारत के दूतावास और हाई कमीशन में तैनात डिफेंस अटैचे (डीए) को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.


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