नई दिल्ली: क्या आम आदमी पार्टी टूट के कगार पर पहुंच चुकी है ? ये सवाल खड़ा हुआ है कि आप में आधी रात के ड्रामा के बाद. केजरीवाल के घर के अंदर और बाहर रात भर ड्रामा हुआ है. पीएसी से इस्तीफा दे चुके आप विधायक अमानतुल्लाह के समर्थकों ने कल कुमार विश्वास के खिलाफ नारेबाजी की.
AAP विधायक अमानतुल्ला का PAC से इस्तीफा, कुमार विश्वास को बताया RSS-BJP का एजेंट
इस्तीफा देने के बाद आप विधायक अमानतुल्लाह ने कहा, ‘’मैं अपनी बात पर कायम हूं कि कुमार विश्वास बीजेपी और आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.’’ केजरीवाल के घर के बाहर अमानतुल्लाह ने कुमार विश्वास के खिलाफ नये सिरे से मोर्चा खोला है.
दूसरी तरफ घर के अंदर टीम केजरीवाल कुमार विश्वास के मुद्दे पर माथापच्ची करती रही. पार्टी के सब ठीक करने की कवायद के बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ये फरमान भी जारी कर दिया, ‘’आप नेता बाहर बयानबाजी ना करें और जिस किसी को शिकायत है तो वो सीधे अरविंद केजरीवाल से संवाद करे.’’ जाहिर है कि मनीष सिसोदिया की ये नसीहत खास तौर पर कुमार विश्वास के लिए ही है, जिन्होंने एमसीडी चुनाव के बाद खुलकर आप के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है.
टूट की कगार पर आम आदमी पार्टी, जानें पहले कब-कब टूटी पार्टी?
एमसीडी चुनाव में पार्टी की बुरी हार के बाद कुमार विश्वास ने कहा, ‘’सफलता के सौ पिता होते हैं, असफलता की कोई मां नहीं होती. आज हम हारे हैं तो ये हमारे लिए वक्त है कि हम बैठकर दोबारा आत्मचिंतन करें कि हम चले कहां से थे. पहुंचे कहां हैं. हमारे सामने क्या समस्याएं आ रही है.’’
एक तरफ कुमार विश्वास इशारों इशारों में अरविंद केजरीवाल को आत्मचिंतन की सलाह दे रहे थे. दूसरी तरफ पार्टी के अंदर उनको संयोजक बनाने की मांग उठने लगी. तब इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए अऱविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘’कुमार मेरा छोटा भाई है. कुछ लोग हमारे बीच दरार दिखा रहे हैं,ऐसे लोग पार्टी के दुश्मन हैं. वो बाज आयें. हमें कोई अलग नहीं कर सकता.’’
केजरीवाल का दावा अपनी जगह लेकिन जिस तरह के कुमार विश्वास केजरीवाल के घर हुई बैठक से दूर रहे और जिस तरह से कुमार विश्वास के नाम पर आप में बवाल हो रहा है. उसके बाद तो यही सवाल उठ रहा है कि क्या आम आदमी पार्टी टूट के कगार पर पहुंच चुकी है ?