दिल्ली में जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच औपचारिक तौर पर क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई है. 1 डीसीपी के नेतृत्व में 5 एसीपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टरों की टीम बनाई गई है. सबको अलग अलग काम सौंपा गया है. कुल 14 एंगल को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच मामले की जांच करेगी. हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद शुरू हुए उपद्रव के मामले में जहांगीरपुरी में दर्ज एफआईआर नम्बर 440/22, दिनांक 16 अप्रैल 2022 को आईपीसी की धारा 147/148/149/186/353/332/307/323/427/436 और 27 आर्म्स एक्ट के तहत की जांच औपचारिक तौर पर क्राइम ब्रांच को सौंपी गई. गठित की गई टीम में सभी अधिकारियों को अलग-अलग काम दिया गया है. इस बात की भी जांच होगी कि हिंसा के दौरान कितनी प्राइवेट या फिर पब्लिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है.
14 एंगल से जांच करेगी पुलिस की टीम
गठित टीम के अधिकारी बांग्लादेशी एंगल से भी जांच करेंगे क्योंकि न केवल आम लोग बल्कि राजनीतिक हस्तियां भी जहांगीरपुरी मामले में बांग्लादेशी लोगों के शामिल होने का आरोप लगा चुकी है. जांच टीम में शामिल अधिकारी कॉल डिटेल्स से लेकर आरोपियों के क्रिमिनल बैक ग्राउंड खंगालेंगे. पुलिस की टीम कई एंगल के जांच करने के साथ ही तकनीक का भी इस्तेमाल करेगी.
पुलिस की टीम कैसे कर सकती है जांच?
- फेशिअल रिकग्निशन सिस्टम (FRS) तकनीक से भीड़ में उपद्रव करने वालों को पहचानने का प्रयास किया जाएगा.
- साइबर इन्वेस्टिगेशन, सोशल मीडिया और दूसरे स्रोतों से वायरल वीडियो एकत्र करना
- फॉरेंसिक जांच से एविडेंस कलेक्ट करना.
- मोबाइल फ़ोन का डंप डेटा खंगालना और मोबाइल नंबर की सीडीआर जांच
- इस मामले में कुल कितनी पीसीआर कॉल की गईं. किसने कब की, सब डिटेल्स निकाली जाएंगी
- इस उपद्रव में शामिल लोगों का किसी तरह का कोई क्रिमिनल बैक ग्राउंड है या नहीं ये भी जांचा जाएगा
गौरतलब है कि रविवार को क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविंद्र यादव अपने अन्य कनिष्ठ अधिकारियों के साथ खुद जहांगीरपुरी पहुंचे थे, जहां पहले मौके का मुआयना किया गया और फिर वे जहांगीरपुरी थाने पहुंचे थे. स्थानीय पुलिस से इस पूरे मामले की रविवार तक हुई कार्रवाई का जायजा भी लिया गया.
ये भी पढ़ें: