Jahangirpuri Demolition: दिल्ली के जहांगीरपुर में हिंसा के बाद अवैध अतिक्रमण पर चलाए गए बुलडोजर के बाद अब सियासी घमासान होता हुआ नजर आ रहा है. इसको लेकर जहां राजनीतिक दलों ने हमला बोला तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की दो बड़ी यूनिवर्सिटी जेएनयू और जामिया में आज इसको लेकर प्रदर्शन होने जा रहा है. जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाने को लेकर एआईएसए आज दोपहर 2 बजे जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन का एलान किया है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई ने रात साढ़े नौ बजे यहां पर प्रदर्शन की घोषणा की है.
दूसरी तरफ, बीजेपी की दिल्ली इकाई ने आम आदमी पार्टी पर बुधवार को निशाना साधा और कहा कि वह जहांगीरपुरी में ‘‘अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के’’ निर्माण को ढहाने के अभियान पर ‘‘बेचैन’’ हो रही है, जिन्हें उसने मुफ्त योजनाओं का लाभ दिया है. आप के नेताओं ने भाजपा की उस वक्त तीखी आलोचना की जब पार्टी शासित उत्तर दिल्ली नगर निगम ने जहांगीरपुरी में मकानों को गिराने का अभियान शुरू किया। बाद में इस पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी.
अवैध अतिक्रमण पर सियासी घमासान
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘दंगाइयों के अतिक्रमण को हटाये जाने को राजनीतिक रंग दे रहे हैं.’’ आदेश गुप्ता ने कहा, ‘‘रोहिग्या और बांग्लादेशियों को संरक्षण दे रही आप इस बात पर बेचैन है कि उनके अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. ममता बनर्जी रोहिग्याओं और बांग्लादेशियों को भारत आने दे रहीं है वहीं केजरीवाल उन्हें शरण दे रहे हैं.’’ गौरतलब है कि जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलाए जाने के कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. इस मामले पर आज एक बार फिर से सुनवाई होगी.
SC ने लगाया बुलडोजर पर 'ब्रेक'
बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच जहांगीरपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान के मामले पर सुनवाई करेगी. इसे लेकर कई याचिकाकर्ताओं ने सुनवाई की मांग की थी. साथ ही कई बीजेपी शासित राज्यों में चल रही बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.
इससे पहले मंगलवार देर रात बताया गया कि एमसीडी जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. इसके बाद सुबह करीब 9 बजे से ये कार्रवाई शुरू हो गई. जानकारी मिलते ही याचिकाकर्ताओं के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और इस मामले की सुनवाई की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई तो नहीं की, लेकिन आदेश दिया कि फिलहाल कार्रवाई को रोककर यथास्थिति बनाए रखें. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कई घंटों तक बुलडोजर चलते रहे. आखिरकार जब दोबारा सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और एमसीडी अधिकारियों तक जानकारी पहुंचाने की बात कही तो इस पूरी कार्रवाई को रोका गया.
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