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दिल्ली की जेलों में भीड़ कम करने के लिए 60 साल से ज्यादा उम्र वाले कैदियों को दी जाएगी पैरोल
दिल्ली के जेल विभाग ने फैसला किया है कि ऐसे कैदियों को पैरोल नहीं दी जाएगी, जिन्हें एक तय अवधि तक जेल में रखने का आदेश कोर्ट ने दिया और उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता.
दिल्ली के जेल विभाग के अनुसार कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए 60 साल से अधिक उम्र के कैदियों को आपातकालीन पैरोल दी जाएगी. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में जारी सर्कुलर में कहा गया कि इस उम्र (60 वर्ष) के कैदियों के कोरोना से ग्रसित होने की आशंका अधिक है और जेल में भीड़ कम करने के लिए आपातकालीन पैरोल दी जाएगी.
इन कैदियों को मिलेगी पैरोल
सर्कुलर में कहा गया कि यदि किसी कैदी को पांच साल से कम की सजा मिली है और उसने जेल में तीन महीने सजा काट ली है तो वह आपातकालीन पैरोल दिए जाने के योग्य है.
पांच साल से अधिक और दस साल तक सजा पाए केवल उन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाएगा जो छह महीने जेल काट चुके हैं और अदालत में उनकी अपील लंबित नहीं है.
दस साल से अधिक और आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों में से उन्हें रिहा किया जाएगा जो छह महीने या उससे अधिक समय तक जेल में रहे हों और उन्होंने कुल एक साल हिरासत में बितायी हो.
महाराष्ट्र सरकार ने भी हजारों कैदियों को दी पैरोल
सर्कुलर के अनुसार उन कैदियों को पैरोल पर नहीं छोड़ा जाएगा जिन्हें विशेष रूप से तय समयसीमा से पहले न छोड़े जाने संबंधी आदेश दिया गया हो. पैरोल आठ सप्ताह के लिए दी जाएगी.
इससे पहले कई अन्य राज्यों में भी जेल से कैदियों को अस्थायी तौर पर छोड़ा जा चुका है. देश में सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र की जेलों में बंद करीब 17 हजार कैदियों को कुछ वक्त तक पेरोल पर रिहा करने का फैसला उद्धव ठाकरे सरकार ने किया था.
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