Delhi Jal Board Scam: दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले को लेकर CBI ने की छापेमारी, कई अधिकारियों पर केस दर्ज
Delhi News: सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता समेत एनबीसीसी के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. ये मामला इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्लो मीटर घोटाले से जुड़ा है.
Delhi Jal Board Meter Scam: दिल्ली जल बोर्ड में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्लो मीटर घोटाले में सीबीआई (CBI) ने दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के पूर्व मुख्य अभियंता समेत नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि इन लोगों ने 38 करोड़ रुपये का ठेका एक ऐसी कंपनी को दे दिया था जो उसके लिए पात्र ही नहीं थी. सीबीआई को छापे के दौरान डेढ़ करोड़ रुपये की नगदी एक करोड़ रुपये से ज्यादा के आभूषण आदि बरामद हुए हैं.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा, तत्कालीन अधिशासी अभियंता पीके गुप्ता, तत्कालीन कार्यकारी अभियंता सुशील कुमार गोयल, तत्कालीन सहायक अभियंता अशोक शर्मा, दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) रंजीत कुमार, एनबीसीसी के तत्कालीन जनरल मैनेजर डीके मित्तल, एनबीसीसी के प्रोजेक्ट इंजीनियर साधन कुमार, एक निजी कंपनी एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और उसके निदेशक व अज्ञात अधिकारी शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला?
इस मामले में आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड ने साल 2017 में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फ्लो मीटर यानी विद्युत चुंबकीय प्रभाव मीटर की आपूर्ति इंस्टॉलेशन टेस्टिंग और कमिश्निंग के लिए 38 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला था. आरोप है कि एनबीसीसी और दिल्ली जल बोर्ड के इन आरोपी अधिकारियों ने एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत एक ऐसी निजी कंपनी को ठेका दे दिया जो कहीं से भी इस ठेके के लिए पात्र नहीं थी. ठेका देने में तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख दिया गया था. आरोप के मुताबिक इसके लिए बकायदा झूठे प्रमाण पत्र भी तैयार किए गए थे.
सीबीआई ने 10 जगहों पर की छापेमारी
सीबीआई ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद आज अलग-अलग स्थानों पर कुल 10 जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का दावा है कि एक करोड़ 50 लाख रुपये नगद, 1.20 करोड़ रुपये के आभूषण, 69 लाख रुपये की सावधि जमा योजना के सर्टिफिकेट और विभिन्न संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी कब्जे में लिए हैं. मामले की जांच जारी है.
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