Delhi Jal Board: दिल्ली जल बोर्ड के मिनरल वाटर बॉटलिंग प्लांट (Mineral Water Bottling Plant) आज से शुरू हो गया है. इसके जरिए रोजाना हजारों घरों की प्यास बुझायी जाएगी. दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने आज दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) के सादिक नगर में एक वाटर बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन किया. इसकी प्रतिदिन 9 हजार बोतल भरने की क्षमता है.


इस बॉटलिंग प्लांट में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर ऑटोमैटिक तरीके से पानी को पीने लायक बनाकर बोतल में भरा जाएगा और फिर जल सुविधा केन्द्र के जरिए ये पानी की बोतलें आम जनता तक पहुंचाई जाएंगी. इसके साथ ही अलग-अलग संस्थान या कोई आम व्यक्ति पानी की बोतलों के लिए बड़े ऑर्डर्स भी दे सकता है.


एक शिफ्ट में 3000 बोतल भरे जाएंगे


इस दौरान विधायक सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह प्लांट तीन शिफ्ट में काम करेगा. हर शिफ्ट में 3 हजार बोतल पैक करने का काम किया जाएगा यानि एक दिन में 9 हजार बोतल पानी भरने की क्षमता होगी. बोतलें भरने के लिए प्लांट को जो पानी सप्लाई किया जा रहा है, उसमें वेस्ट होने वाले पानी को भी दोबारा रिसाइकिल कर के प्रयोग में लाया जाएगा ताकि पानी की बर्बादी बिल्कुल भी ना हो.


प्लांट में गंगा के पानी की होगी सप्लाई


दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि फिलहाल लोग लोकल वेंडर से पीने के पानी की बोतले खरीदते हैं, जिसकी क्वालिटी के बारे में किसी को पता नहीं होता है. दिल्ली जल बोर्ड के इस बॉटलिंग प्लांट से गंगा का निर्मल और मिनरल युक्त पानी सप्लाई किया जाएगा और इसकी गुणवत्ता और क्वालिटी को लैबोरेटरी द्वारा नियमित तौर पर चेक किया जाता रहेगा. साथ ही इन पानी की बोतलों की कीमत भी दिल्ली जल बोर्ड ही निर्धारित करेगा ताकि आम लोगों को सही कीमत पर बाजार से बेहतर पानी उपलब्ध कराया जा सके.


बाजार में बिकने वाले मिनरल वॉटर से बेहतर होगा पानी


दिल्ली जल बोर्ड का दावा है कि इस बॉटलिंग प्लांट से जो पानी मिलेगा, उसकी क्वालिटी बीआईएस स्टैंडर्ड के मानकों से भी बेहतर होगी. बाजार में बिकने वाले पैकेज्ड पानी की बोतलों से भी यह बेहतर होगा. इस प्लांट में रोज गंगा नदी से 3.5 लाख लीटर के पानी की सप्लाई की जाएगी, जिससे आम लोगों को पीने के लिए गंगा नदी का निर्मल और मिनरल युक्त पानी मिल सके.


इस प्लांट में पानी को पीने योग्य बनाने के लिए एक्टिवेटेड कार्बन और माइक्रो फिल्टरेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही इस प्लांट में बॉटलिंग, बोतल की धुलाई, बोतल भरने और पैक करने के लिए किसी इंसान की जरूरत नहीं होगी, ये प्लांट पूरी तरह ऑटोमैटिक है.


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