नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अन्य संस्थानों से आए छात्रों और चित्रकारों ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर पेंटिंगें बनाकर विरोध दर्ज कराया. छात्र आमिर मीर के मुताबिक, जामिया में कुछ छात्रों द्वारा 'कॉल फार आर्टिस्ट' नाम से एक अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत विरोध स्थल पर कलाकारों से आने का आान किया गया. कलाकार जब समर्थन देने आए तो प्रदर्शनकारियों ने कलाकारों से पेंटिंग के माध्यम से विरोध का रेखांकन करने की गुजारिश की.


जामिया विश्वविद्यालय के बाहर लगातार कलाकारों, पेंटरों का जमावड़ा लगा रहा. इन कलाकारों ने सड़क पर रंगोलियां बनाकर, चित्र और पोस्टर बनाकर अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है.


शुरुआती दिनों के भाषण और नारों की बजाय अब कलात्मकता और संस्कृति का इस्तेमाल इस विरोध प्रदर्शन में किया जा रहा है.


वहीं छात्रों ने गांधीगीरी का रास्ता अपनाते हुए भूख हड़ताल की है, जिसमें रोजाना 5 से 7 छात्र गांधीवादी विचारों के साथ सत्याग्रह पर बैठ रहे हैं. भूख हड़ताल पर जामिया के छात्रों के अलावा यहां के कई पूर्व छात्र भी शामिल हो रहे हैं.





पहले लोकसभा फिर राज्यसभा से नागरिकता संशोधन बिल के पास हो जाने के बाद नए नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई इलाकों में विरोध हो रहा है. जामिया विश्वविद्यालय के छात्र लगातार नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.


पांच जनवरी तक बंद है यूनिवर्सिटी


नागरिकता कानून पर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जामिया प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया है. आमतौर पर सर्दियों की छुट्टियां हमेशा ही सेमेस्टर की परीक्षाओं के बाद दी जाती थीं, लेकिन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए जामिया प्रशासन ने छुट्टियों को घोषित कर दिया. हालांकि कुछ छात्रों का ये भी कहना है कि प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है जो गलत है.


नए साल में रेलयात्रियों को तोहफा, अब रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर ही मिल जाएंगी सारी सुविधाएं


नवजात शिशुओं की मौत पर योगी, मायावाती का कांग्रेस पर निशाना, केंद्रीय दल कल पहुंचेगा कोटा