नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने विंटर सेमेस्टर की रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ा कर 15 जनवरी तक कर दी है. इसके लिए छात्रों से कोई लेट फाइन भी नहीं लिया जाएगा. इससे पहले रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 5 जनवरी थी जिसे हिंसा के बाद बढ़ा कर 12 जनवरी कर दिया गया था. अब एक बार फिर इसमें बदलाव हुआ है. जेएनयू प्रशासन के उच्च सूत्रों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के अंतर्गत रविवार शाम तक करीब 4323 छात्र आ चुके हैं. हालांकि ये आंकड़ा कुल छात्रों का करीब 50% ही है.


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने रविवार को एक नोटिस में कहा कि छात्र बिना किसी जुर्माना के 15 जनवरी तक पंजीकरण करा सकते हैं. इससे पहले शीत सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख पांच जनवरी तक थी.


छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ महीनों से चल रहे प्रदर्शन के तहत छात्रों द्वारा सूचना और संचार सेवा (सीआईएस) प्रणाली को ठप किए जाने के बाद जेएनयू ने सोमवार को रजिस्ट्रेशन की तारीख 12 जनवरी तक बढ़ाने की घोषणा की थी.


बता दें कि हिंसा के दौरान विश्वविद्यालय के सूचना एवं संचार सेवा (सीआईएस) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया गया था. जिसके चलते सीआईएस डेटा सेंटर तक आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, ऑप्टिक फाइबर केबलों और सभी रेक की बिजली की तारों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा था. जेएनयू क्लाउड और अन्य सूचना एवं संचार प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ गई थी.


व्हाट्सएप ग्रुप्स का जेएनयू में हिंसा भड़काने में अहम रोल


जेएनयू हिंसा मामले की पूरे देश में चर्चा हो रही है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया था जिसमें हिंसा में शामिल कुछ सस्पेक्ट के बारे में पुलिस ने बताया था. अभी तक जो इस मामले में खुलासे हो रहे हैं उसके मुताबिक इस हिंसा को भड़काने में व्हाट्सएप ग्रुप्स का बड़ा रोल है. जेएनयू में पांच जनवरी को हिंसा हुई थी जिसमें नकाबपोश लोगों ने छात्रों और प्रोफेसर्स के साथ मारपीट की थी. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है.


शुक्रवार को पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि पेरियार हॉस्टल में हमले के तुरंत बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था और उस ग्रुप का नाम रखा गया था 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट'. यह ग्रुप जेएनयू के ही एबीवीपी के नेता योगेंद्र भारद्वाज ने बनाया था. इस ग्रुप में 60 लोगों को शामिल किया गया था. इसी ग्रुप के आधार पर योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल की पहचान भी हुई है.


क्राइम ब्रांच के सूत्रों की माने तो जैसे ही 5 जनवरी को पेरियार हॉस्टल में एबीवीपी के स्टूडेंट्स पर हमला हुआ उसके कुछ देर बाद एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था. इस ग्रुप के जरिए सभी को इकट्ठा होने के लिए कहा जा रहा था. इस ग्रुप का एक मेंबर ने पूछा कि 'कैसा रहा आज का मैच'.


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