नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ‘फर्जी प्रॉक्टर जांच’ का हवाला देकर 300 छात्रों का रजिस्ट्रेशन रोक दिया है.छात्र संघ ने शनिवार को विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा था कि वे अपने पाठ्यक्रम की फीस भर दें लेकिन छात्रावास की बढ़ी हुई फीस ना भरें.


जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, कुलपति ने पहले फीस भरने वाला पोर्टल ब्लॉक किया, फिर ट्यूशन फीस भरने वाला पोर्टल भी ब्लॉक कर दिया. यह स्पष्ट है कि कुलपति स्पष्ट झूठ बोल रहे थे कि छात्र रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं लेकिन प्रदर्शनकारी उन्हें ऐसा करने नहीं दे रहे.


उन्होंने कहा कि कुलपति ने ऐसे ‘फर्जी प्रॉक्टर जांच’ को आधार बनाकर 300 छात्रों का रजिस्ट्रेशन रोक दिया है जो अभी तक पूरी भी नहीं हुई है.


उसने कहा, ‘‘सच तो यह है कि प्रशासन चाहता ही नहीं है कि छात्र रजिस्ट्रेशन कराएं और उनका रजिस्ट्रेशन रोक रहा है.’’


छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि प्रशासन प्रदर्शन में शामिल हुए छात्रों के प्रति नरम रवैया रखेगा और उन्हें सजा नहीं देगा.


उन्होंने कहा, लेकिन कई छात्रों ने जब रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल खोला तो देखा कि उन्हें या तो निलंबित कर दिया गया है या फिर वे रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते हैं.


जेएनयू प्रशासन ने सर्दियों वाले सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख रविवार को बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी.


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